आधे अधूरे मन से खुले कुमाऊं में सरकारी स्कूल

487 दिन के बाद पहली बार आए स्कूल, उत्साह गायब

हल्द्वानी । कोरोना संकट के बीच करीब 487 दिन घर में ही ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद अब जाकर नवीं से बारहवीं कक्षा के बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। नैनीताल को छोडक़र कुमाऊं में प्राइवेट एवं सरकारी स्कूल खुल गए हैं। स्कूल खुलने के वाबजूद अभिभावकों ने अभी उत्साह नहीं दिखाया है। इस कारण पूरे मंडल में तीस से चालीस फीसद ही बच्चे पहले दिन स्कूल आए। अभिभावकों ने स्कूल खोलने के लिए आधी अधूरी तैयारी का भी आरोप लगाया है।  
सोमवार को हल्द्वानी एवं तराई भाबर में प्राइवेट स्कूलों में ताले जड़े रहे। पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल खोलने के लिए कोविड के मानकों की तैयारी करने के लिए भरपूर समय न देने का आरोप लगाया है। लालकुआं के एक स्कूल संचालक ने बताया कि वे लोग चार अगस्त से स्कूल खोलेंगे। इसके इतर हल्द्वानी में सभी माध्यमिक विद्यालय खुले रहे, लेकिन इक्के दुक्के बच्चे ही स्कूल आए। सीईओ केके गुप्ता ने बताया कि नैनीताल के सभी सरकारी स्कूल कोविड के नियमों का पालन करते हुए खोले गए। उन्होंने बताया कि करीब तीस फीसदी बच्चे ही पहले दिन स्कूल आए। उन्होंने स्वीकार किया कि अभी अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। इसकी पुष्टि कुछ छात्राओं ने भी की। उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना का डर लग रहा है। स्कूलों में तैयारी भी राम भरोसे दिखी। 
बागेश्वर। सरकार के आदेश के बाद जनपद में कक्षा नौ से बारह तक के स्कूलों में सोमवार को पठन पाठन कार्य प्रारंभ हो गया। पहले दिन स्कूलों में लगभग 57 फीसदी उपस्थिति रही। स्कूलों में कोविड नियमावली का पालन किया गया। मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जनपद में कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या 124२ है जिसमें से 7५८ छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि पहले दिन 56.9१ फीसदी रही है धीरे-धीरे इससे बढ़ने की उम्मीद है।

पहले दिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही काफी कम

करीब डेढ़ साल से बंद पड़े स्कूल आखिरकार सोमवार से खुल ही गए लेकिन पहले दिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी कम रही। इधर लंबे समय बाद विद्यालय खुलने से बच्चों में काफी उत्साह देखने को भी मिला। धानाचूली के प्रधानाचार्य एलएम वर्मा ने बताया कि पहले दिन करीबन 4 फीसदी बच्चे स्कूल आए। उन्होंने कहा कि पूरे विद्यालय की साफ-सफाई व सेनेटाइजर कराया जा चुका था। बच्चों को सामाजिक दूरी और मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। जिन बच्चों के बाद मास्क के नहीं थे उन्हें स्कूल द्वारा मास्क दिए गए। प्रधानाचार्य वर्मा ने बताया मंगलवार से प्रत्येक कक्षा के एक दिन बालक और एक दिन बालिकाओं को स्कूल में बुलाया जाएगा। जिससे सामाजिक दूरी का पालन किया जा सके। उधर बच्चों से पूछे जाने पर अधिकांश बच्चों ने कहा कि स्कूल खुलने से उन्हें काफी खुशी महसूस हुई है। खण्ड शिक्षा अधिकारी चक्षुष्मती अवस्थी ने बताया सभी विद्यालयों के कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने के पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।
चम्पावत। जनपद में सोमवार को नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल गए। हालांकि पहले दिन विद्यार्थियों की संख्या स्कूलों में कम दिखाई दी लेकिन, कई महीनों के बाद दोस्तों को स्कूल में देखकर छात्रों के चेहरे खिल उठे। वैसे कई निजी स्कूल अभी नहीं खुले। जो स्कूल खुले उनमें बच्चों की उपस्थिति कम रही। स्कूलों की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियम का पालन कराया जा रहा है। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी रही।
छात्र-छात्राओं के चेहरे पर स्कूल खुलने की खुशी
जिले में सोमवार को नवीं से कक्षा 12 तक के सभी सरकारी स्कूल खुल गए। हालांकि लंबे समय तक बंद रहने के बाद सोमवार खुले स्कूलों में पहले दिन विद्यार्थियों की उपस्थिति ज्यादा नहीं रही। फिर भी छात्र-छात्राओं के चेहरे पर स्कूल खुलने की खुशी थी। वहीं इंटरमीडिएट तक के कुछ प्राइवेट स्कूल भी सोमवार को खुले, जिनमें विद्यार्थियों की संख्या कम थी। मुख्य शिक्षा अधिकारी एके जुकरिया के अनुसार सोमवार को नवीं से बारहवीं तक के लगभग सभी सरकारी स्कूल खुल गए हैं, जिनमें विद्यार्थियों की उपस्थिति लगभग 38 प्रतिशत रही। उन्होंने बताया कि जिले में कुछ प्राइवेट इंटरमीडिएट स्कूल भी सोमवार को खुले, जिनमें कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सैनिटाइजेशन आदि की उचित व्यवस्था कर ली गई थी।

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