यात्रा से जुड़े लोगों को है अंतिम चरण की यात्रा खुलने की उम्मीद
दो वर्षों से यात्रा न चलने के कारण हजारों लोग बेरोजगार
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर 18 अगस्त तक रोक लगने के बाद स्थानीय व्यापारी और जनता में निराशा है। यात्रा न चलने के कारण बेरोजगार हुए लोगों को उम्मीद थी कि अंतिम चरण की यात्रा को खोलने की अनुमति मिलेगी, लेकिन अनुमति मिलने के बजाय यात्रा पर रोक लग गयी। यात्रा से जुड़े लोगों का कहना है कि जब पर्यटक स्थलों में पर्यटकों को जाने की अनुमति मिल रही है तो अब धार्मिक स्थल भी खोल दिये जाने चाहिए, जिससे पिछले दो सालों से बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल सके।
दरअसल, इस बार कोरोना महामारी के चलते अभी तक उत्तराखंड की चारधाम यात्रा नहीं खुल पाई है। पिछले वर्ष 2020 में जुलाई से यात्रा शुरू हो गयी थी, लेकिन इस बार 18 अगस्त तक यात्रा पर रोक लगी है। सरकार तो यात्रा खोलने के पक्ष में है, लेकिन हाईकोर्ट से यात्रा पर रोक लग रही है। बार-बार यात्रा पर रोक लगने के बाद अब यात्रा से जुड़े लोगों में भी आक्रोश है और जगह-जगह आंदोलन किये जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग जनपद की बात करें तो लगभग 70 प्रतिशत लोग यात्रा से अपनी आजीविका का संचालन करते हैं। होटल, लॉज, ढाबे, घोड़ा, खच्चर, डंडी, कंडी सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान का संचालन करके आजीविका का निर्वहन करते हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी की मार पड़ने के बाद लोग बेरोजगार होकर घर में बैठे हैं। यात्रा से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी अंतिम चरण की यात्रा खोलने की अनुमति मिलेगी, लेकिन अनुमति न मिलने के बाद उम्मीदें धरी की धरी रह गई हैं। केदारनाथ होटल संघ के सचिव नितिन जमलोकी का कहना है कि बेरोजगारी को देखते हुए शीघ्र ही यात्रा खोल देनी चाहिए। एक ओंर पर्यटक स्थल खुले हुए हैं और पर्यटकों की भारी भीड़ है। सिर्फ धार्मिक स्थलों के लिए ही कोरोना है। अगर यही स्थिति रही तो लोग बेरोजगारी से मर जायेंगे। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार यात्रा को खोल देना चाहिए। जो नियम पिछले वर्ष की यात्रा में थे, उनको ही लागू किया जाना चाहिए। यात्रा न चलने के कारण बेरोजगारी की मार से सभी लोग परेशान हैं। गौरीकुंड व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी का कहना है कि यात्रा से जुड़े लोगों के हित को देखते हुए यात्रा को खोला जाना आवश्यक है। अगर कोरोना के भय से यात्रा नहीं खोली जा रही है तो कठोर नियम लागू किये जाने चाहिए। अगर यात्री यहां आते हैं तो लोगों को रोजगार मिलेगा।