किसी व्यक्ति को जबरदस्ती वैक्सीनेशन करना मूलभूत अधिकारों का हननः मेघालय हाईकोर्ट

नई दिल्ली।कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर मेघालय हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीनेशन को अनिवार्य नहीं कर सकते हैं, जबरदस्ती वैक्सीनेशन किसी व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों का हनन है। दरअसल, मेघालय के कई जिलों में प्रशासन द्वारा आदेश दिया गया था कि दुकानदार, टैक्सी ड्राइवर और अन्य लोग तभी काम पर लौट पाएंगे, जब वो वैक्सीन लगवा लेंगे। इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा है कि टीकाकरण का अधिकार किसी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं कर सकता है। किसी की आजीविका को जारी रखने के लिए इस तरह का ऑर्डर सही नहीं है।

अदालत की ओर से कहा गया है कि वैक्सीनेशन के बारे में लोगों को जानकारी देना सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, कोर्ट की ओर से मौजूदा हालात को देखते हुए वैक्सीनेशन बेहतर उपाय बताया गया है। लेकिन इसे किसी तरह से अनिवार्य करना या आजीविका के बीच में बंधन बनाने पर आपत्ति जताई है। ग्रामीण इलाकों में अभी भी लोग वैक्सीन लेने से झिझक रहे हैं। ऐसे में देखा जा रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन लेने के लिए कई तरह की तरकीब निकाली जा रही है और कुछ चीज़ों में इसे अनिवार्य किया जा रहा है।

1 Comment
  1. Kriti says

    Good

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