जल शक्ति मंत्री शेखावत से मिले पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल

उत्तराखंड की सहायक नदियों को भी नमामि गंगे योजना में शामिल करने का किया अनुरोध 

हल्द्वानी । पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने जल शक्ति मंत्री, भारत सरकार गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट कर उनसे उत्तराखंड की प्रमुख नदियों, जोकि गंगा नदी की भी सहायक नदियां हैं, उनकी स्वच्छता एवं संरक्षण के लिए भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ध्वजवाहक नमामि गंगे कार्यक्रम में सम्मिलित कर जल प्रदूषण की रोकथाम एवं जन सुविधा के दृष्टिगत एसटीपी, स्नान एवं मोक्ष घाट की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने हर घर नल, नल में जल परियोजना की भी कार्य प्रगति से केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया और साथ ही आगामी योजनाओं को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को पत्र सौंपकर कुमाऊं  क्षेत्र के धार्मिक एवं पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पिथौरागढ़ जनपद के थल में रामगंगा पर स्नान व मोक्ष घाट, सरयू नदी एवं रामगंगा नदी के सगम रामेश्वर पर संगम घाट, शारदा नदी की सहायक नदी रौतीस के तट पर पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नागेश्वर घाट और भारत एवं नेपाल दोनों देशों की आस्था के प्रतीक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हंसेश्वर घाट को प्राथमिकता के आधार पर नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए आग्रह किया गया। चुफाल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से राज्य के जल शक्ति को लेकर कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की।
पेयजल मंत्री चुफाल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उत्तराखण्ड के कुमाऊं  मण्डल के जनपद ऊधमसिंह नगर के नौ पोल्यूटिंग स्ट्रेचेजस के आई एंड डी एवं सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) के लिए 226.00 करोड़ रुपये की लागत की सात डीपीआर (प्रस्ताव) एनएमसीजी को स्वीकृति के लिए प्रेषित किये गए हैं। जिन पर एनएमसीजी स्तर से थर्ड पार्टी एप्राइजल की कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने जल शक्ति मंत्री शेखावत से उपरोक्त  प्रस्तावों पर अतिशीघ्र निर्णय व निर्देशित करने का आग्रह भी किया।
उनके सभी प्रस्तावों पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। चुफाल ने केंद्रीय मंत्री से प्रदेश के ऐसे परिवार जो राजस्व ग्रामों में नहीं रहते जैसे कि जिला नैनीताल में बिंदुखत्ता, ऊधमसिंह नगर में बग्गा चवन, जैसे अनेकों गांव जो वन भूमि, सिविल फॉरेस्ट या शासकीय संपत्तियों पर वर्षों से रह रहे हैं उनको भी एफएचटीसी एवं जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत लाभान्वित किये जाने का आग्रह भी किया। जिस पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने समस्या के निराकरण पर विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य को केंद्र की और से किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। इस मौके पर प्रबन्ध निदेशक पेयजल उदयराज सिंह भी मौजूद रहे।

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