राजनीतिक हिंसा के बाद जंगल में भागे थे ग्रामीण, पुलिस की मदद से हुई  घर वापसी 

अगरतला। राजनीतिक हिंसा के बाद जंगल की ओर भागे ग्रामीणों की त्रिपुरा पुलिस की मदद से घर वापसी हुई है। गोमती जिले में भोमरचेरा गांव के लेबचेररापारा में 10 परिवारों के 42 लोगों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़  भाजपा कार्यकर्ताओं ने शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन के टीआईपीआरए के प्रति समर्थन के लिए उन्हें गांव घर से बेदखल कर दिया है।

स्थिति का पता लगने के बाद वरिष्ठ नेता और एडीसी के कार्यकारी सदस्य अनिमेष देबबर्मा अन्य लोगों के साथ कल जंगल में गए तो उन्होंने पाया कि ग्रामीण बच्चों और महिलाओं के साथ तीन दिनों से खुले आसमान के नीचे जंगली खाद्य पदार्थों के साथ रह रहे है। अनिमेष ने पुलिस को फोन किया और भाजपा नेताओं से बात कर ग्रामीणों की सुरक्षा का आश्वासन मांगा और उन्हें वापस गांव ले आए।

राज्य के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी ग्राम परिषद की गतिविधियों पर नियंत्रण को लेकर भाजपा और टीआईपीआरए के बीच खींचतान चल रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर 16 जून की रात टीआईपीआरए समर्थकों के परिवारों पर हमला किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट करने के बाद उनके घरों, दुकानों, मोटरसाइकिलों और आटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई। धमकी के बाद ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर जंगल में चले गए। तीन दिनों के बाद सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जंगल में उनकी स्थिति के बारे में बताया गया। जिसके बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने उनकी घर वापसी कराई।

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