देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया।अंतरराष्ट्रीय रक्तदाता दिवस पर भाजपा के सेवा ही संगठन है कार्यक्रम अंतर्गत ऋषिकेश ग्राम सभा के पूर्व प्रधान स्वर्गीय प्रेम सिंह बिष्ट की स्मृति में इन्दिरा नगर क्षेत्र में आयोजित रक्तदान कैम्प एक ऐतिहासिक आयोजन साबित हुआ।
रक्तदान शिविर में सैकड़ों रक्तवीरों ने आगे आकर संकल्प के साथ रक्तदान कर इस पुनित यज्ञ में अपनी सहभागिता निभाई। कैंप के अवलोकन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व जिला प्रभारी ने महामारी का शिकार हुए लोगों की स्मृति में पौधारोपण के साथ ट्रेचिंग ग्राऊंड का निरीक्षण कर बारीकी से गोविंद नगर स्थित खाली भूखंड में कूड़े के निस्तारण एवं शिफ्टिंग के लिए चल रहे प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी ली।
सोमवार को महापौर अनिता ममगाई के विशेष प्रयास एवं शहर के सबसे बड़े रक्तवीर पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट के संयोजन में आयोजित हुए रक्तदान शिविर का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व प्रधान स्व प्रेम सिंह बिष्ट के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया।इस अवसर पर उन्होंने रक्तदान कर रहे युवकों की उन्होंने जमकर सराहना की। साथ ही कहा कि इसी तरह से रक्तदान करते रहें।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रक्त से बड़ा कोई दान नहीं है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर अभियान चल रहा है। सभी लोग कोरोना वैक्सीन अनिवार्य रूप से लगवा लें, लेकिन इस वैक्सीन को लगवाने से पहले, खासकर युवा रक्तदान जरूर करें, ताकि किसी में खून की कमी न हो।इस अवसर पर भाजपा के जिला प्रभारी अनिल गोयल ने कैम्प आयोजकों सहित रक्तदान कर रहे युवकों से मुलाकात की।
उनकी जमकर सराहना की।उन्होंने कहा कि 18 से 45 वर्ष के बीच की आयु वाले लोग सबसे अधिक रक्तदान करते हैं। इसी वजह से यह मुहिम चलाई है, ताकि लोग अधिक से अधिक लोग टीका लगवाने से पहले रक्तदान कर सकें। जिससे कहीं पर भी रक्त की कोई कमी न पड़ सके। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है।
किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। रक्तदान शिविर के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने वाली नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि कोरोना संकट ने रक्तदान की राह रोक दी है, जिस कारण ब्लड बैंकों में रक्त की काफी कमी है। खासतौर से निगेटिव ग्रुप के रक्त की। सर्वाधिक जरूरत सीजेरियन आपरेशन व दुर्घटना में घायल लोगों के लिए है। मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए तीमारदारों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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