दुबई। भारत के अमित पंघल एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के अपने फाइनल मुकाबले में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ कड़ा संघर्ष करने के बावजूद 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
भारत ने पंघल की हार के बाद इस मुकाबले के राउंड दो के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। पंघल की हार के कुछ देर बाद असम के मुक्केबाज थापा, जो लगातार पांच पदक के साथ चैंपियनशिप में संयुक्त रूप से सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज रहे हैं, को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग के हाथों 64 किग्रा वर्ग में 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत का टूर्नामेंट में यह पांचवां रजत पदक है।
इन दो मुक्केबाजों की हार के बाद अब संजीत (91 किग्रा) ही एक्शन में दिखाई होंगे। बॉंकि्संग फेडरेशन आफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉंक्सग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारतीय दल ने पहले ही अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं। यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है।
बैंकाक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था। भारत ने इस टूर्नामेंट में एक स्वर्ण , 5 रजत और 8 कांस्य पदक अपने नाम किये हैं। पुरुषों के वर्ग में एशियाई खेलों के चैम्पियन पंघल ने आज स्वर्ण पदक के मैच में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ सराहनीय दांव पेच दिखाए लेकिन जजों का फैसला शाखोबिदीन के पक्ष में गया।
मुकाबले के बीच में जो क्लिंपिग दिखाई जा रही थीं उसमें पंघल हावी दिखाई दे रहे थे और वह शाखोबिदीन पर ज्यादा प्रहार करते दिखाई दे रहे थे लेकिन आखिरी परिणाम सबके लिए चौंकाने वाला था। शिवा थापा को भी इसी तरह 2-3 के फैसले से हार का सामना करना पड़ा। दूसरी वरीयता प्राप्त संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे।