गुवाहाटी : असम कांग्रेस के एक विधायक और उनकी सुरक्षा टीम जोरहाट जिले में असम-नागालैंड सीमा के पास हथियारबंद लोगों के हमले में बाल-बाल बच गई। ये घटना असम-नागालैंड सीमा से लगे दिसाई घाटी आरक्षित वन क्षेत्र में हुई जब मरियानी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी और उनकी सुरक्षा कर्मियों की एक टीम और स्थानीय ग्रामीणों ने सीमा विवाद से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए क्षेत्र का दौरा किया था।
तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल
असम में एक कांग्रेस विधायक, उनके सुरक्षा अधिकारी और अन्य पर जोरहाट जिले के एक जंगल में भारी गोलीबारी हुई। यह जंगल नागालैंड से लगी राज्य की सीमा से सटा हुआ है। इस घटना की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं। जिसमें विधायक और अन्य लोग जंगल में भागते हुए दिख रहे हैं और उनपर गोलियां बरस रहीं हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोलियां राज्य की सीमा के उस पार नागालैंड से चल रही थी।इस घटना में तीन पत्रकारों के भी घायल होने की खबर आई है।
अधिकारी ने कहा, विधायक रूपज्योति कुर्मी अपने निजी सुरक्षा अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ देसोई घाटी रिजर्व वन में दूसरी तरफ से अतिक्रमण की जांच के लिए गए थे, तभी अचानक दूसरी तरफ से उन पर गोलियां चलाई गईं। वे इलाके से भागने में सफल रहे।
जिस क्षेत्र में गोलीबारी की घटना हुई, वह जोरहाट जिले के मरियानी थाना क्षेत्र के देसोई घाटी रिजर्व फॉरेस्ट के बनगांव और सोनपुर गांव और नागालैंड के मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बो सर्कल के अंतर्गत चांगकी गांव के बीच आता है। विधायक को खबर मिली थी कि इस क्षेत्र में नागालैंड के कुछ लोग जमीन पर कब्जा कर रहे थे। इसी संदर्भ में विधायक और अन्य क्षेत्र का दौरा कर रहे थे।एक अधिकारी ने पुष्टि की कि हमलावर बहुत आक्रमक थे और जब गोलीबारी शुरू हुई तो कुर्मी और अन्य पीछे हट गए।
मुख्यमंत्री ने घटना पर चिंता व्यक्त
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घटना पर चिंता व्यक्त की और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जीपी सिंह को इलाके में स्थिति की निगरानी करने को कहा है। असम के पांच जिलों – चराईदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट और कार्बी आंगलोंग नागालैंड के साथ अंतरराज्यीय सीमा साझा करते है। नागालैंड की ओर से कथित अतिक्रमण के कारण इन क्षेत्रों में पिछले दो दशकों से अक्सर झड़पें होती रही हैं।