नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री ने आज राज्यों के जिला तथा क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से आयोजित बैठक की समीक्षा की। अधिकारियों के साथ यह दूसरी बैठक है ये प्रधानमंत्री की । मोदी ने कहा कि स्थानीय अनुभवों को साझा करने तथा पूरे देश के एकजुट होकर लड़ने की बहुत अधिक जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड व्यवहार के पालन को सख्ती से सुनिश्चित करने तथा गांवों को संक्रमण से मुक्त रखने का संदेश अधिक से अधिक फैलाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस का रूप बदलना बच्चों तथा युवाओं के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हमें टीकाकरण की गति को तेजी से बढाना होगा।
मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका नहीं दिया गया : ममता
बैठक खत्म होने के बाद ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि कोरोना पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई लेकिन कई चर्चा नहीं हुई। प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी और बैठक खत्म हो गई। मुख्यमंत्रियों को बोलने तक का मौका नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री के इस बर्ताव से मैं खुद को अपमानित महसूस कर रही हूं। इस बैठक के बाद कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपमानित महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मीटिंग के लिए मुख्यमंत्रियों को बुलाया, लेकिन उनको कुठपुतली की तरह बैठाए रखा। किसी को भी बोलने का मौका नहीं दिया गया।
ममता का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण: रविशंकर प्रसाद
ममता बनर्जी के आरोपों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की बैठक को लेकर सुश्री बनर्जी का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। प्रसाद ने कहा कि सुश्री बनर्जी ने प्रधानमंत्री की पूरी बैठक को भटकाने की कोशिश की है।