सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना होगी : डा.धन सिंह रावत
राज्य में आपदा आने पर सूचनाओं के आदान प्रदान में होगी सहूलियत
- प्रत्येक केंद्र की स्थापना के लिए मिलेगी 1 लाख की धनराशि
देहरादून । प्रदेश के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा.धन सिंह रावत ने कहा है कि
विभाग उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में शीघ्र सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना करेगा,
ताकि आपदा के समय में आम जनमानस तक सूचनाों का आदान प्रदान आसानी से और
त्वरित रूप से हो सके।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में सूबे के विभिन्न जनपदों में स्वायत्त
संस्थाओं अथवा गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से सामुदायिक रेडियो केंद्र स्थापित
किये जाने की व्यवस्था है लेकिन विभागीय लेट लतीफी के कारण यह योजना अंजाम
तक नहीं पहुंच सकी।
विभागीय मंत्री डा. रावत द्वारा समीक्षा बैठकों में इस योजना का संज्ञान लिया गया।
उसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग हरकत में आया है। विभागीय सचिव एस ए मुरुगेश्न ने
इस संबंध में बाकायदा शासनादेश जारी कर समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया
है कि वे अपने जनपदों के इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं तथा अन्य संगठनों से रेडियो
केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव 4 जून 2021 तक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से
उपलब्ध कराने को कहा है।
इसके अतिरिक्त राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों तथा अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं से भी प्रस्ताव मांगे गए हैं। आदेश में कहा गया है कि जनपदों में सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना के लिए विभाग के अंतर्गत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से 10 लाख रुपए तथा केंद्र के संचालन के लिए तीन वर्ष तक 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। विभागीय मंत्री डा. रावत का मानना है कि राज्य के सरकारी विश्वविद्यालय तथा अन्य स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थान इस कार्य को बेहतर तरीके से कर सकते हैं। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय तथा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर द्वारा अपने कैंपस में रेडियो केंद्रों का संचालन पूर्व से ही किया जा रहा है। यदि सरकार की यह योजना सफल होती है तो निश्चित रूप से राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं की जानकारी आम लोगों तक शीघ्रता से पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके साथ ही कृषि, बागवानी, जड़ी बूटी उत्पादन, मौसम आदि की जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए भी इन सामुदायिक रेडियो केंद्रों का उपयोग किया जा सकेगा।