नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई । सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र एक कमेटी का गठन कर सकती है, जो ये देखेगा की किस राज्य को कितने ऑक्सीजन की जरूरत है और उसका सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली को जरूरत से ज्यादा 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई है। वर्तमान में दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है।
केंद्र के मुताबिक ऑक्सीजन के सप्लाई में कोई कमी नहीं है, लेकिन राज्य सरकार ऑक्सीजन को अस्पताल और मरीजों तक नहीं पहुंचा पा रही है। राज्य सरकार के मैनेजमेंट में फेल हो गई है।बता दें कि दिल्ली के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में उन्हें अब केंद्र के द्वारा पहुंचाई गई ऑक्सीजन से काफी राहत मिलेगी।
इससे पहले भी बुधवार को सीएम ने जब राजेंद्र नगर स्थिति राधा स्वामी सत्संग ब्यास में बने टीकाकरण केंद्र का जायजा लिया था तब उन्होंने केंद्र सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट का आभार जताया था। उन्होंने कहा था कि इस संकट के दौर में सभी से सहयोग मिल रहा है।दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र के अफसरों को अवमानना को नोटिस जारी किया था।
पीठ ने कहा था, ‘हम हर दिन इस खौफनाक हकीकत को देख रहे हैं कि लोगों को अस्पतालों में ऑक्सीजन या आईसीयू बेड नहीं मिल रहे, कम गैस आपूर्ति के कारण बेड की संख्या घटा दी गयी है।