नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस नथालपति वेंकट रमण को देश के अगले सीजेआई यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में शपथ दिलाई। नथालपति वेंकट रमण देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने शरद अरविंद बोबड़े का स्थान लिया, जो कल ही रिटायर हुए हैं। जस्टिस एनवी रमना अभी सुप्रीम कोर्ट के दूसरे (सीजेआई एस ए बोबड़े के बाद) सबसे सीनियर जज थे।
नथालपति वेंकट रमण का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। वे 10 फरवरी, 1983 को वकील बने थे। सुप्रीम कोर्ट में सेवाएं देने से पहले वे दिल्ली हाई कोर्ट और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में रह चुके हैं। उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक रहेगा, इस दिन वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे। हाल के सालों में नथालपति वेंकट रमण कई अहम फैसले दिए, जिनमें जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली भी शामिल है। चीफ जस्टिस के कार्यालय को सूचना अधिकार कानून के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी नथालपति वेंकट रमण सदस्य रह चुके हैं।
जस्टिस रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने जनवरी 2021 में फैसला दिया कि किसी घरेलू महिला के काम का मूल्य उसके ऑफिस जाने वाले पति से कम नहीं है।।