हरिद्वार। कोरोना का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। खासकर उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार में सर्वाधिक केस रोजना के सामने आ रहे हैं। जिले के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन के इंतजाम दावों के विपरीत हैं। कहने के लिए तो कुम्भ क्षेत्र में कोरोना की रोकथाम के लिए मुकम्बल इंतजामात के साथ बाहर से आने वालों की लगातार जांच भी हो रही है, बिना जांच कराए आने वालों को हरिद्वार की सीमा से ही वापस किया जा रहा है, लेकिन हालात बताते हैं कि जितना बड़ा आयोजन है उसके हिसाब से इतजाम पर्याप्त नहीं है। जिसके लिए विभागीय अधिकारी अपनी मजबूरियां भी बता रहे हैं।
काफी तेजी से चल रहा वैक्सीनेशन का कार्यक्रम
कोविड19 वैक्सीनेशन उत्तराखंड सरकार का कार्यक्रम काफी तेजी से चल रहा है। शहरी क्षेत्र में भले वैक्सीनेशन का काम तेज हो, लेकिन कुछ ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो यहां पर कोविड-19 वैक्सीनेशन कराने के लिए ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हरिद्वार जिले के श्यामपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत पीली पड़ाव गांव में ग्रामीणों के लिए भी वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है क्योंकि इस गांव से करीब आठ किमी वन क्षेत्र से होकर लालढांग सेंटर पड़ता है।
आठ किमी के करीब गैंडीखाता सेंटर 1 किमी की दूरी पर श्यामपुर सेंटर है। जहां पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। यही स्थिति हरिद्वार जिले के अंतिम छोर के गांव चिडियापुर व लाहडपुर से करीब सात किमी की दूरी और वन गुर्जर बस्ती गैंडीखाता के अंतिम छोर पर रह रहे वन गुर्जर परिवारों के लोगों को है, जिन्हें गैंडीखाता में वैक्सीनेशन कराने के लिए आने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि क्षेत्र के चिडियापुर लाहडपुर, जटपुरा चिडि़यापुर वन डिपो क्षेत्र में रह रहे लोगों को वैक्सीनेशन कराने के लिए गैंडीखाता में आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लाहड़पुर गांव के केवल सिंह व छोटन सिंह व चिडि़या पुर के धर्मवीर सिंह गुड्डू देवी आदि ने बताया की उन्हे वैक्सीनेशन कराने के लिए लगभग सात किमी की दूरी पर गैंडीखाता सेंटर जाकर टीका लगवाया, लेकिन संसाधनों के अभाव में उन्हें गैंडीखाता सेंटर तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर परिवारों में आने जाने के संसाधनों का अभाव
बताते चलें आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर परिवारों में आने जाने के संसाधनों का अभाव है। जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों को गांव से दूर टीकाकरण के लिए जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वन गुर्जर अधिकार मंच के अध्यक्ष सफीलोधा का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को बस्ती में शिविर लगाकर वैक्सीनेशन कराना चाहिए। पीली पड़ाव गांव के पूर्व ग्राम प्रधान बलवीर सिंह झंड वालों का कहना है। स्वास्थ्य विभाग को गांव में शिविर लगाकर कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण करना चाहिए जिससे ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।
ऐसी स्थिति बहादराबाद व लक्सर क्षेत्र के गांवों की है, जहां लोगों को सीएचसी व पीएचसी पर टीकाकरण के लिए जाना पड रहा है। जबकि लोगों का कहना है कि सीएचसी पर तो टीकाकरण हो रहा है, लेकिन ज्यादातर पीएचसी पर टीक करण की कोई सुविधा नहीं है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि टीकाकरण के लिए प्रचार भी पर्याप्त नहीं है, जिस कारण लोगों को टीकाकरण के प्रति न तो जागरूकता दिख रही है न इसकी जानकारी भी नहीं हो पा रही है।
अधिकारियों के दावे कितने सच्चे
कोरोना के टीकाकरण को कुम्भ क्षेत्र में किए जा रहे दावों की हकीकत क्या है यह तो या तो अधिकारी खुद जानते हैं या रोजाना जारी होने वाली स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट। इस संदर्भ में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी एसके झा ने कहा कि कोरोना के लिए नोडल अधिकारी डा. अजय कुमार हैं।
डा. अजय कुमार ने बताया कि जिले में कुल 145 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन बुधवार व शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मियों के पोलियों व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के व्यस्त होने के कारण यह संख्या इन दिनों में कम भी हो जाती है। उनका कहना है कि सभी सीएचसी व पीएचसी पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
फिलहाल सरकार के निदेर्शानुसार केवल 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन होने के कारण यह रेशो कम जरूर है। जहां तक प्रचार की बात है तो समाचार पत्र, चैनलों, पोर्टल ही नहीं मोबाइल फोन पर की जाने वाली कॉल पर भी पहले कोरोना जागरूकता के संदेश प्रसारित हो रहे हैं।
सामाजिक, धामिक संगठन भी कोरोना जागरूकता में सहयोग कर रहे हैं। वहीं जनप्रतिनिधियों, पार्षद, सभासद. ब्लाक स्तरीय, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को भी लोगों को कोविड का टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी दे रखी है। फिर भी लोगों में जागरूकता उस स्तरि पर नहीं है जितना अपेक्षा है।
कोरोना जागरूकता के लिए शिक्षकों, हेल्प एंड वैलनेस सेन्टरों, आशाओं व आंगनबाड़ी वर्करों से सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा रोजाना का रिव्यू लिया जा रहा है। करीब 5.7 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।