ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के बाद आई व्यापक बाढ़ के कारणों का अध्ययन करने के लिए ग्लेशियर के बारे में जानकारी रखने वाले वैज्ञानिकों (ग्लेशियोलॉजिस्ट) की 2 टीम जोशीमठ-तपोवन जाएगी। कलाचंद सैन ने कहा कि घटना काफी ‘अजीब’ थी क्योंकि बारिश नहीं हुई थी और न ही बर्फ पिघली थी। सैन ने कहा कि ग्लेशियोलॉजिस्ट की दो टीम हैं – एक में दो सदस्य हैं और एक अन्य में तीन सदस्य हैं। ये टीम आज सुबह देहरादून रवाना होंगी।सैन ने कहा कि टीम त्रासदी के कारणों का अध्ययन करेगी। हमारी टीम ग्लेशियोलॉजी के विभिन्न पहलुओं को देख रही होगी। उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई। इससे वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 170 से ज्यादा लापता हैं।