शांतिपूर्ण रहा भारत बंद, कुछ राज्यों में जनजीवन राह प्रभावित

नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान पर मंगलवार को देश के कई हिस्सों में दुकानों एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने, यातायात बाधित होने से जनजीवन प्रभावित हुआ

नयी दिल्ली/चंडीगढ़। नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान पर मंगलवार को देश के कई हिस्सों में दुकानों एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने, यातायात बाधित होने से जनजीवन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क एवं रेल मार्गों को बाधित किया। हालांकि, बंद लगभग शांतिपूर्ण रहा और किसानों ने अपनी शक्ति प्रदर्शित की। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता से पहले किसानों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया। हालांकि, किसान नेता आर.एस. मानसा ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब देने को कहेंगे।’’ सिंघू बार्डर पर हजारों की संख्या में किसान पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। 13 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल शाह से मुलाकात करेगा। स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने दावा किया कि 25 राज्यों में करीब 10,000 स्थानों पर राष्ट्रव्यापी बंद का असर देखने को मिला। बंद से आपात सेवाओं और बैंकों को दूर रखा गया। बैंक भी खुले रहे। अखिल भारतीय बंद को अधिकतर विपक्षी दलों और कई मजदूर संघों का समर्थन मिला। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के अलावा ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार और महाराष्ट्र में भी बंद का असर देखा गया, हालांकि यह शांतिपूर्ण रहा। बंद के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। कुछ स्थानों पर अशांत भीड़ भी देखने को मिली और दिल्ली से लगी सीमा पर काफी संख्या में प्रदर्शनकारी जमे रहे। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा में कई स्थानों पर रेल पटरियां अवरूद्ध कर दीं।   प्रदर्शन के टीकरी जैसे केंद्र बिंदु पर ‘किसान एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए और आंदोलन ने जोर पकड़ा।

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