नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संविधान दिवस के मौके पर केवड़िया में जारी एक कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन पर एक बार फिर से जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि, संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है। 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला। पीएम मोदी ने कहा कि, वन नेशन, वन इलेक्शन सिर्फ बहस का विषय नहीं है। यह आज भारत की जरूरत है। देश में हर कुछ महीने में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे होते हैं, विकास कार्य पर इसका प्रभाव सभी को पता है। इस मुद्दे का अध्ययन करने की आवश्यकता है और पीठासीन अधिकारी इसके लिए मार्गदर्शक हो सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, इमरजेंसी के उस दौर के बाद का सिस्टम मज़बूत से मज़बूत होता गया। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों ही उस कालखंड से बहुत कुछ सीखकर आगे बढ़े। पीएम मोदी ने कहा कि, अब हमारा प्रयास ये होना चाहिए कि संविधान के प्रति सामान्य नागरिक की समझ और ज्यादा व्यापक हो।आजकल आप लोग सुनते हैं डिजिटल सुरक्षा का अहम पहलू है। उसी तरह यानि हमारे संवैधानिक सुरक्षा कवच को भी मज़बूत कर सकता है। हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके। हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, ये सुनिश्चित करना होगा।