नयी दिल्ली। जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली दंगों को हवा देने की साजिश रची थी, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का विश्व स्तर पर प्रचार हो सके। दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के पीछे कथित तौर पर बड़ी साजिश होने के मामले में खालिद और जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। आरोपपत्र रविवार को दाखिल किया गया, जिसके अनुसार खालिद एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को वापस लौटा। इसमें आरोप लगाया गया कि खालिद ने अन्य आरोपी लोगों के साथ चांद बाग में एक कार्यालय में बैठक भी की थी।प्राथमिकी में पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक हिंसा एक सोची समझी साजिश थी, जिसे खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया। पुलिस ने आरोप लगाया कि खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और नागरिकों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके। पुलिस ने दावा किया कि इस साजिश में, कई घरों में आग्नेयास्त्र, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। उसने आरोप लगाया कि सह-आरोपी मोहम्मद दानिश को दंगों में शामिल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।