- सुविधा के साथ सिंचित हो रहे खेत, बढ़ेगी पैदावार
हिमाचल: वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक व नवाचार पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री के वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। किसानों-बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए आधुनिक तकनीकों और नवाचार का उपयोग कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि किसान के हर खेत तक पानी पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकार ने कृषि विभाग के माध्यम से प्रदेश में सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई परियोजना को शुरू किया है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी सिंचाई योजना पीएम कुसुम को भी प्रदेश में कार्यान्वित किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र को और अधिक बढ़ाने और प्रदेश में व्यापक स्तर पर सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित सिंचाई योजनाओं का राज्य में प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया जा रहा है। सौर ऊर्जा पर्यावरण मित्र होने के साथ-साथ जहां इसे लगाने की लागत भी कम है, वहीं सौर सिंचाई योजनाओं से पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से भी दबाव कम हुआ है। सिंचाई परियोजनाओं में सौर ऊर्जा के उपयोग होने से ऊर्जा की भी बचत हो रही है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह एक सराहनीय प्रयास है। इस योजना के अंतर्गत पांच वर्षों के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिसके तहत प्रदेश भर में 5,850 सौर पम्प स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश की 1189.71 हेक्टेयर भूमि को सौर सिंचाई योजना के अन्तर्गत लाया गया है। योजना के तहत राज्य में 1,210 सौर पम्प स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रदेश के 2066 किसान लाभान्वित हुए है। वर्ष 2019-20 में इस योजना पर 1958.75 लाख रुपये खर्च किए गए। सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में लाभान्वित किसानों में जिला कांगड़ा के 570, मण्डी के 406, बिलासपुर के 66, चम्बा के 144, हमीरपुर के 131, किन्नौर के 13, कुल्लू के 73, लाहौल व स्पीति के 71, शिमला के 165, सिरमौर के 108, सोलन के 51, ऊना के 268 किसान शामिल है।
राज्य में पीएम कुसुम योजना भी शुरु
राज्य में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना (पीएम कुसुम) भी शुरू की गई है, ताकि किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जा सके और ज्यादा से ज्यादा नकदी फसलों का उत्पादन कर किसान अपनी आय में बढ़ौतरी कर सकें। पीएम कुसुम योजना के तहत सौर पम्पों से सिंचाई के लिए व्यक्तिगत व सामुदायिक स्तर पर सभी वर्गों के किसानों के लिए पम्पिंग मशीनरी लगाने के लिए 85 प्रतिशत की सहायता का प्रावधान है। योजना के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इस वर्ष एक हजार सौर पम्प लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 50 प्रतिशत व्यय केन्द्र सरकार व 35 प्रतिशत व्यय प्रदेश सरकार द्वारा जबकि शेष 15 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए किसान उप-मण्डल भू-संरक्षण अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवदेन पत्र के साथ उन्हें भूमि संबंधित कागजात जैसे ततीमा व जमाबन्दी, स्वयं सत्यापित किया हुआ राशन कार्ड, आधार कार्ड की प्रति, भूमि प्रमाण पत्र संलग्न करने होंगे और स्टाम्प पेपर पर कृषक शपथ पत्र भी देना होगा।