विशेष संवाददाता
पटना : भाजपा नीतीश कुमार को हराना चाहती है। वो चाहती है कि इस बार मुख्यमंत्री उनका बने। इसलिए लोजपा को अलग किया गया और फंडिंग की। अगर मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी को 11 सीटें मिल सकती हैं तो क्या चिराग को एनडीए का हिस्सा रखते हुए 30 सीटें नहीं मिल सकती थी?
यह बातें जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने शुक्रवार को पटना में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजश्वी यादव ने अपने भाषण में कभी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नहीं बोला। वो हमेशा नीतीश कुमार पर हमला बोलते रहें। साफ़ पता चलता है कि भाजपा और राजद के बीच कोई डील हुई है। इसी के तहत तेजश्वी यादव के खिलाफ हो रहे जांच रोक दिए गए। अब कोई पूछताछ क्यों नहीं हो रही?
इस बार पूरे चुनाव में नीतीश कुमार थके, मजबूर, कमजोर और कृपा पर जीने वाले नेता दिखाई दिए। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने डीएनए को मुद्दा बनाया था और इस बार मुख्यमंत्री के रूप में आखिरी मौका को। वे सिर्फ जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करते हैं। उन्हें अब बिहार की राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए और केंद्र की राजनीति करनी चाहिए।
चुनाव प्रचार में अपनी प्रतिज्ञा यात्रा का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि जाप ने इस बार 156 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मैंने 204 सभाएं की और 100 से अधिक घंटा जनता को संबोधित किया। आखिरी चरण के मतदान में जाप को वोट देने की अपील करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि हमें बिहार के 30 वर्षों के महापाप को धोने के लिए 3 साल चाहिए। बाढ़ और लॉकडाउन में जब सभी नेता अपने-अपने बंगले में कैद हो गये थे तब मैंने और मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों के बीच राशन और अन्य राहत सामग्रियां पहुंचाई। जनता इस बार जातिवाद और संप्रदायवाद को छोड़, नेता नहीं सेवक चुने।