बिहार चुनाव: सियासी वजूद तलाशते युवा चेहरे 

  • पुरानी बनाम नई पीढ़ी के बीच छिड़ी सियासी लड़ाई
  • 10 नवम्बर को तय होगा, कौन कितना हुआ दमदार साबित 

कृष्ण किसलय

पटना : बिहार की 17वीं विधानसभा के लिए चुनाव की सियासी लड़ाई नेताओं की पुरानी पीढ़ी बनाम नई पीढ़ी की भी है। एनडीए के नीतीश कुमार के अलावा मुख्यमंत्री के दो चेहरों तीसरा मोर्चा रालोसपा, बसपा, एआईएमआईएम के उपेंन्द्र कुशवाहा और जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव के सामने तीन युवा मुख्यमंत्री चेहरा हैं। तेजस्वी यादव कांग्रेस और वाम दल समर्थित राजद का मुख्यमंत्री चेहरा हैं। चिराग पासवान संभावना के समीकरण के मुख्यमंत्री चेहरा है तो प्लूरल्स पार्टी की लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया चैधरी युवा आकांक्षा की प्रतीकात्मक मुख्यमंत्री चेहरा हैं। विधानसभा का चुनाव पुराना चेहरा बनाम नए चेहरा का तो रहा ही, कई प्रसिद्ध नेताओं की नई पीढ़ी (वंशधर) की जोरआजमाईश का भी है। अब 10 नवम्बर के चुनाव परिणाम से तय होने जा रहा है कि कौन कितना दमदार साबित हुआ।

गरीब का बेटा तेजस्वी यादव

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के 31 वर्षीय छोटे बेटे तेजस्वी यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उपमुख्यमंत्री बने थे और नीतीश कुमार के इस्तीफा देने तक 20 महीनों तक अपने पद पर बने रहे थे। इससे पहले उनकी पहचान विराट कोहली के साथ खेलने वाले क्रिकेटर के रूप में रही है। दिल्ली डेयरडेविल्स खिलाड़ी रहे तेजस्वी यादव पिता लालू यादव के चारा घोटाला में जेल जाने के बाद राजनीति में आ गए। 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। अपने को गरीब का बेटा कहने वाले तेजस्वी यादव ने नौवीं तक की स्कूली शिक्षा दिल्ली के आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से पाई है।

बिहारी फर्स्ट चिराग पासवान

2003 में कंप्यूटर साइंस में बी-टेक करने वाले बिहार के जमुई से लोजपा के 38 वर्षीय युवा सांसद चिराग पासवान (भूतपूर्व केेंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र) राजनीति में प्रवेश करने से पहले बालीवुड में 2011 में फिल्म (मिले ना मिले हम) से अपना करियर शुरू किया था। फिल्म नहीं चली तो उन्होंने फिल्मी दुनिया को बाय-बाय कर लिया और राजनीति के संसार में आकर भारतीय राजनीति के दिग्गज रामविलास पासवान के बेटे के रूप में अपनी पहचान बनाई। चिराग पासवान 2014 में 16वीं लोकसभा में मोदी लहर में सांसद बने और 2019 में भी जमुई संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की।

सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी

सन ऑफ मल्लाह के रूप में पहचान बनाने वाले दरभंगा जिले के सुपौल बाजार निवासी मुकेश सहनी विकासशील इंसान पार्टी के युवा अध्यक्ष हैं, जो एनडीए के साथ है। एक गरीब मछुआरे परिवार में जन्म लेने वाले मुकेश सहनी 19 साल की उम्र में बेहतर मजदूरी की तलाश मुंबई गए और अपने श्रम और क्षमता के बल पर मुकाम हासिल किया। मुंबई में पहले कास्मेटिक दुकान में काम किया। इसके बाद बालीवुड फिल्मों में सेट डिजाइन करने लगे। उन्हें शाहरुख खान की फिल्म श्देवदासश् और सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ का भी सेट डिजाइन करने का अवसर मिला। फिर उन्होंने मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाकर करोड़ों की कमाई की। 2013 में बिहार के डेढ़ करोड़ की संख्या वाले निषाद समाज के लिए काम करना शुरू किया। 2013 में बिहार के अखबारों में तस्वीर के साथ सन आफ मल्लाह का बड़ा-बड़ा विज्ञापन छपा तो लोगों का ध्यान मुकेश सहनी की तरफ गया। उनका संपर्क भाजपा के नीति-निर्माताओं में से एक अमित शाह से हुआ और अमित शाह के साथ चुनावी रैली में जाने मौका भी मिला। इस तरह मुकेश सहनी को बिहार में पहचान मिली और उन्होंने 2018 में विकासशील इंसान पार्टी बना ली।

गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह

जमुई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडने वाली गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी सिंह नेशनल शूटर हैं, जो 2018 के राष्ट्रमंडल खेल की स्वर्णपदक विजेता रही हैं। उन्होंने ग्लासगो में 2014 के राष्ट्रमंडल खेल में निशानेबाजी की डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीता था। समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे श्रेयसी सिंह के पिता दिग्विजय सिंह चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी की केेंद्र सरकारों में मंत्री थे, जिनका 24 जून 2010 को ब्रेन हेमरेज से लंदन में निधन हो गया। श्रेयसी सिंह की मां पुतुल देवी भी सांसद रह चुकी हैं।

शरद की बेटी सुभाषिनी राज

2010 से मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट पर कब्जा जमाने वाले जदयू के निरंजन कुमार मेहता के विरुद्ध कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही सुभाषिनी राज राव दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव की बेटी हैं। लालू प्रसाद यादव को भी हराने वाले सुभाषिनी के पिता शरद यादव मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद चुने जा चुके हैं। उनकी बेटी सुभाषिनी ने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए मधेपुरा की धरती को ही चुना। हालांकि, उन्होंने उस कांग्रेस के जरिये सियासत में कदम रखा, जिसके खिलाफ राजनीति कर उनके पिता शरद यादव सियासत के परवान चढ़े।

लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया चौधरी

बिहार विधानसभा के चुनाव मैदान में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में उतरने वाली लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया चौधरी प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष हैं। इस पार्टी ने जाति को पेशा या काबिलियत से जोड़कर अपने सभी उम्मीदवारों का धर्म बिहारी बताया। लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर पढ़ाई कर बिहार लौटी दरभंगा जिला निवासी पुष्पम प्रिया चौधरी जदयू के पूर्व विधायक (विधान परिषद) विनोद चौधरी की बेटी हैं। पुष्पम प्रिया चौधरी की आकांक्षा मुख्यमंत्री बनने और बिहार को वैश्विक कृषि तकनीक से जोड़ने की है।

बिहारी बाबू का बेटा लव सिन्हा

39 वर्षीय लव सिन्हा भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बड़े पुत्र और चर्चित अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा के भाई हैं। उन्होंने मिसौरी वेबस्टर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन से स्नातक किया है। लव सिन्हा खुद अभिनेता हैं और इनका खुद का कारोबार है। इन्होंने अपना फिल्मी करियर 2010 में फिल्म श्सदियांश् से शुरू की थी। अपना प्रचार बिहार और बिहारी बाबू का बेटा के रूप में करने वाले लव सिन्हा ने 2020 के बिहार चुनाव में बांकीपुर (पटना) विधानसभा क्षेत्र से राजनीतिक करियर की शुरुआत की है।

लालू की बड़ी संतान मीसा भारती

इस बार के विधानसभा चुनाव में लालू यादव की बड़ी संतान मीसा भारती अधिक सक्रिय नजर नहीं आईं। जब लालू यादव ने उनसे 14 साल छोटे बेटे तेजस्वी यादव को पार्टी का नेता और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया तो उन्होंने अतिरिक्त सक्रियता से किनारा कर लिया। मीसा भारती 2016 से राज्यसभा सांसद हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव पटना के पाटलीपुत्र सीट से हार गई थीं। जब लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा और एकदम घरेलू महिला उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली, तब मीसा भारती उनकी व्यक्तिगत सलाहकार होती थीं। तेजप्रताप और तेजस्वी बहुत छोटे थे। आपातकाल के दौरान लालू यादव को मिसा (मेंटेनेंस आफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत जेल में रखा गया था और उसी दौरान इस पहली संतान का जन्म हुआ तो नाम ही रख दिया मीसा भारती। तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच पार्टी (राजद) के नेतृत्व को लेकर टकराव में मीसा भारती तेजप्रताप यादव के समर्थन में थीं। मीसा भारती ने एमबीबीएस किया है, लेकिन प्रैक्टिस नहीं की।

 

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