नयी दिल्ली : केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अगर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के ऑक्सीजन स्तर में कमी पायी जाती है तो उन्हें तत्काल डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर शरीर में एसपीओ2 यानी ऑक्सीजन के सैचुरेशन स्तर का माप करता है। स्वस्थ व्यक्ति में यह 95 से 100 प्रतिशत के बीच रहता है। शरीर में ऑक्सीजन के एक खास स्तर की जरूरत होती है ताकि वह अच्छी तरह अपना काम कर सके। उन्होंने सभी को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री जी के जन-आंदोलन के का सम्मान करें और अन्य लोगों के लिए एम्बेसडर बन कर कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने अपना अनुरोध दोहराया कि प्रत्येक व्यक्ति त्योहारों को पारंपरिक तरीके से अपने घरों में प्रियजनों के साथ मनाएं। चीन के इस दावे पर कि पिछले वर्ष कई देशों में एक साथ नोवेल कोरोना वायरस का प्रसार हुआ था, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है जिससे इस दावे की वैधता साबित हो सके। उन्होंने कहा कि हालांकि चीन के वुहान को विश्व में कोरोना के पहले मामले की रिपोर्ट करने के लिए अब भी माना जाता है। डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय महामारी के दौरान ऑक्सीजन शिक्षा दिए जाने को लेकर पीछे नहीं है। भारत में मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थान एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए आॅनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं, जिनकी मंजूरी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने दी है। मंत्रालय ने कोविड-19 के मद्देनजर स्रातकोत्तर चिकित्सा विद्यार्थियों के लिए पेशेवर प्रशिक्षण हेतु मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी कर दी हैं। केंद्रीय मंत्री ने समाचार पत्र से कोरोना संक्रमण का खतरा होने के संबंध में पूछे जाने पर भरोसा दिलाया कि कोई ऐसा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं, जो साबित कर सके कि समाचार पत्रों से कोरोना वायरस का प्रसार होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाचार पत्र पढ़ना कोविड-19 महामारी के दौरान भी पूरी तरह सुरक्षित है। देश भर में कोविड-19 से हो रही मौतों की संख्या में विसंगतियों से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड-19 से हुई मौतों के सही स्पष्टीकरण का मुद्दा कई बार उठाया है। इसके अलावा सही तौर-तरीके से मौतों की सूचना देने की प्रक्रिया भी साझा की है, ताकि देश भर में कोविड-19 से संबंधित मौतों की सूचना एक समान मिलती रहे।