जितना शोर मचाया घर में सूरज पाले का, उतना काला और हो गया वंश उजाले का!
बादल सरोज
जो हुआ, वह सचमुच में ऐसा था, जो पिछली 70 सालों में नहीं हुआ - एकदम नया और चौंकाने वाला। इसलिए नहीं कि इस बार घुसपैठ संसद परिसर तक ही नहीं थी, सीधे सदन में लोकसभा के सभागार में थी। बल्कि इसलिए कि यह 20 हजार करोड़ रुपयों की विराट रकम फूंककर खडी की गयी उस 'न भूतो न भविष्यत' बताई जाने…
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