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आलेख

एक ही सांचे में ढला है संस्कृत की बेहाली और बहाली का कांड

बादल सरोज हाल में उर्दू पर चले विमर्श में कुछ टिप्पणियाँ संस्कृत को लेकर भी आयीं हैं। हालांकि भाषाओं के बीच कोई द्वंद्व या टकराव नहीं है, उन्हें एक-दूसरे के मुकाबले खड़ा करने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसा सिर्फ वे ही कर सकते हैं, जो किसी भी भाषा को न ठीक से जानते है, न बूझते हैं। तब भी, जब ऐसा…
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न्यायपूर्ण परिसीमन की लड़ाई!

राजेंद्र शर्मा हैरानी की बात नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी करनियों और अकरनियों से इस देश की राजनीतिक व्यवस्था में उत्तर और दक्षिण के पुराने विभाजन को फिर से भड़का दिया है। जैसा कि हमने इससे पहले एक लेख में जिक्र किया था, इस विभाजन को बढ़ाने का काम मौजूदा केंद्र सरकार की भाषा नीति…
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भावी केरल के विकास का रोडमैप है वर्ष 2025-26 का बजट

आलेख : के.एन. बालगोपाल, अनुवाद : संजय पराते केरल के 2025-26 के बजट में 2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने का अनुमान है और इसके बराबर ही राशि के व्यय का प्रस्ताव है। इसका मतलब यह है कि केरल का बजट दो ट्रिलियन रुपये का हो गया है। इस बजट में समाज में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों का भी…
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नागरिक स्वतंत्रता के चैंपियन ए.के. गोपालन, जिन्हें आजादी के बाद भी जेल में रखा गया था!

आलेख : कुर्बान अली 15 अगस्त 1947 को, जिस दिन भारत को आज़ादी मिली, केरल की कन्नूर जेल में एक ऐसा कैदी था, जिस पर इंग्लैंड के सम्राट के खिलाफ लोगों को भड़काने और राजद्रोह करने का आरोप लगाया गया था। उसका अपराध क्या था? स्वतंत्रता दिवस मनाना! और ऐसा उस सम्राट की ओर से किया गया था, जो अब भारत को…
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आग न लगती तो न्यायपालिका में भ्र्ष्टाचार का धुंवा न उठता!

 श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर आग लगने की घटना ने भ्र्ष्टाचार की आग को हवा दे दी है।आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड को जज के घर से लगभग 15 करोड़ नकदी मिलने की खबर ने देश भर में हंगामा मचा दिया है। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने…
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भगत सिंह और आज की चुनौतियां

शहादत दिवस पर विशेष आलेख (विशेष आलेख : संजय पराते) भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी की सजा दी गई थी और अपनी शहादत के बाद वे हमारे देश के उन बेहतरीन स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में शामिल हो गये, जिन्होने देश और अवाम को निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं दी। उन्होंने अंगेजी साम्राज्यवाद को…
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क्या अब हम ‘सच्चा इतिहास’ फ़िल्मों के ज़रिये पढ़ेंगे!

आलेख : मुकुल सरल जो ऐतिहासिक सच्चाई हमारे तमाम इतिहासकार, शोधकर्ता, सरकार का पूरा तंत्र और उसके तमाम जांच कमीशन नहीं खोज पाए, वो अब कुछ कमर्शियल फ़िल्म मेकर ढूंढ ले रहे हैं। अब लगता है कि हमें सच्चा इतिहास जानने के लिए इतिहास की किताबें पढ़ने की ज़रूरत नहीं है, बस दो-ढाई घंटे की एक फ़िल्म…
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उपलब्धि: 8 दिन के बजाए 9 माह की अंतरिक्ष यात्रा का सुनीता विलियम्स रिकॉर्ड!

डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट  सुनीता विलियम्स  अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है।सुनीता गुजरात के अहमदाबाद से सम्बंध रखती है। एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में सुनीता विलियम्स ने 127 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व कीर्तिमान स्थापित…
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भारतीय सांस्कृतिक धरोहर : विश्व के लिए एक नई पहचान

डॉ रवि शरण दीक्षित भारत की संस्कृति में प्राचीन समय से ही मूर्त और अमूर्त, स्मारक, ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक परंपराओं का स्थान रहा है l वर्तमान प्रवेश में कई ऐसी परंपराएं, तीज त्यौहार, उत्सव है जिनको संरक्षित करने की आवश्यकता है l यूनेस्को की सूची में विश्व की तथा भारतीय सांस्कृतिक विरासत हमारे…
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छुड़ाए नहीं छूटेगा गुजरात के दंगों का दाग

आलेख : राजेंद्र शर्मा बेशक, नरेंद्र मोदी के विरोधी कोई समूचे परिदृश्य से गायब ही नहीं थे। विपक्षी, जैसी कि उनकी जिम्मेदारी थी, इन भयंकर दंगों के संदर्भ में मोदी सरकार की विफलताओं और उसके चलते जान-माल के भयावह नुकसान के खिलाफ लगातार और जोरदार तरीके से आवाज उठा रहे थे। और विपक्षी, जिसमें मुख्यधारा…
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