शिमला। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में जहां आज भी कई जगह बुनियादी खेल सुविधाएं अधूरी हैं, वहीं शिमला के तीन युवाओं—बिनू दीवान, अजय और अभय—ने असंभव को संभव कर दिखाया। कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के पड़ेची गांव में 5,400 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ काटकर तैयार किया जा रहा यह आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम आज पूरे प्रदेश में नई मिसाल बनकर उभर रहा है।
पांच से छह साल पहले शुरू हुई इस पहल की सबसे कठिन चुनौती थी 45 डिग्री से अधिक ढलान वाले पहाड़ को समतल कर खेल मैदान की शक्ल देना। युवाओं ने निजी भूमि खरीदकर शुरुआत की और बिना सरकारी सहायता अपने संसाधनों से सड़क बनाई, फिर लगभग 150 मीटर लंबी और 20 से 40 मीटर ऊंची मजबूत रिटेनिंग वॉल खड़ी की, जिसने मैदान को स्थिर आधार दिया। करीब 70 हजार टिप्पर मलबा हटाकर लगभग 90 बीघा क्षेत्र में 91 मीटर चौड़ा और 120 मीटर लंबा ग्रीन आउटफील्ड तैयार किया गया। चारों ओर बिछी हरी घास और पूरी तरह समतल सतह इसे प्रोफेशनल खिलाड़ियों के लिए उपयुक्त बनाती है।
स्टेडियम का लगभग 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और यहां क्रिकेटरों ने अभ्यास भी शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि जहां शिमला के कटासनी में सरकारी इंडोर स्टेडियम 15 साल से अधर में लटका है, वहीं इन युवाओं ने मात्र चार वर्षों में अपना सपना साकार कर दिखाया। यही कारण है कि शिमला, सिरमौर, सोलन, मंडी, किन्नौर और बिलासपुर के युवा इस मैदान को नया खेल केंद्र मानने लगे हैं।
अप्रैल 2026 में इस मैदान पर हिमाचल प्रीमियर क्रिकेट लीग (प्रो-एचपीसीएल) का चौथा सीजन आयोजित होगा। पहले तीन सीजन मैदान न होने से चंडीगढ़ में कराने पड़े थे, लेकिन इस बार स्थानीय खिलाड़ियों को अपने ही स्टेडियम में बड़े आयोजन का रोमांच देखने को मिलेगा।
बिनू दीवान का अगला लक्ष्य यहां प्रोफेशनल क्रिकेट स्कूल की शुरुआत करना है, ताकि पहाड़ी युवा आधुनिक प्रशिक्षण लेकर बड़े स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। उनका मानना है कि खेल युवाओं को नशे और मोबाइल की लत से दूर रखने का सबसे अच्छा माध्यम है।
पड़ेची स्टेडियम शिमला से मेहली–अश्वनी खड्ड मार्ग से केवल 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि चायल रोड से यह दूरी 35 किलोमीटर पड़ती है।