असम-मेघालय सीमा पर फिर हिंसक झड़प:  किसान की मौत, फसल कटाई के दौरान तनाव चरम पर

सत्यनारायण मिश्र
गुवाहाटी।असम के पश्चिमी कार्बी आंग्लोंग जिले के ताहपत गांव में गुरुवार को असम-मेघालय सीमा पर कार्बी समुदाय के किसानों और पड़ोसी मेघालय के पनार (खासी उप-समुदाय) ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में एक कार्बी किसान की मौत हो गई। मृतक की पहचान ओरिवेल तिमुंग (45) के रूप में हुई है, जो ताहपत गांव के निवास थे। झड़प के दौरान फसल कटाई का काम चल रहा था, जब दोनों पक्षों के बीच बहस बढ़ गई और मामला हिंसक हो गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस घटना में कुछ अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।

सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना सुबह करीब 8 बजे शुरू हुई, जब ताहपत के कार्बी किसान अपनी धान की फसल काट रहे थे। मेघालय के लपांगाप गांव (वेस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित) के ग्रामीणों ने दावा किया कि यह भूमि उनके क्षेत्र में आती है, जिसके चलते वे फसल कटाई का विरोध करने पहुंचे। विरोध प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें लाठियां, पत्थर और धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात किया था, लेकिन झड़प के दौरान गोलीबारी की खबरें भी सामने आई हैं—हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि फायरिंग किस पक्ष से हुई। असम और मेघालय पुलिस ने संयुक्त रूप से घटनास्थल पर पहुंचकर हालात संभाले, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।

कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन और अन्य स्थानीय संगठनों ने मेघालय पक्ष पर अकारण हमले का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारे किसान अपनी जमीन पर फसल काट रहे थे, लेकिन मेघालय के ग्रामीणों ने हिंसा भड़का दी। यह असम की संप्रभुता पर सीधी चुनौती है।” दूसरी ओर, मेघालय के लपांगाप गांव के वाहेह श्रोंग (ग्राम प्रमुख) डेमॉनमी लिंग्दोह ने दावा किया कि कार्बी पक्ष ने पहले ही विवादित भूमि पर अतिक्रमण किया था, और फसल कटाई उनके अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ का प्रयास था। मेघालय प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन वेस्ट जयंतिया हिल्स के एक अधिकारी ने कहा है कि जांच चल रही है और दोनों राज्यों के बीच समन्वय बैठक बुलाई जा रही है।

असम पुलिस ने घटना के सिलसिले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 117(3), 117(4), 119(1), 121(1), 121(2), 189(1)-191(3), 195(1), 195(2), 329(1), 331(5), 332 और 333 के तहत मामला दर्ज किया है। फसल कटाई की सारी गतिविधियां अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। दोनों राज्यों की पुलिस ने सीमा पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिए हैं, और स्थानीय प्रशासन तनाव कम करने के लिए गांव-स्तरीय शांति समितियों के साथ बातचीत कर रहा है।

असम के वेस्ट कार्बी आंग्लोंग और मेघालय के वेस्ट जयंतिया हिल्स के बीच लंबे समय से सीमा विवाद का केंद्र रहा है। ब्रिटिश कालीन समय से चली आ रही अस्पष्ट सीमाओं के कारण प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व (PGR) और विलेज ग्रेजिंग रिजर्व (VGR) की जमीनों पर अतिक्रमण, संसाधन नियंत्रण और कृषि उपयोग को लेकर टकराव होता रहता है। हाल के महीनों में खेरोनी, ताहपत और लपांगाप जैसे इलाकों में अतिक्रमण-विरोधी अभियान चले हैं, जो तनाव को और बढ़ा रहे हैं।

2022 की मुक्रोंग घटना में असम पुलिस और मेघालय ग्रामीणों के बीच झड़प में 6 लोगों (जिनमें 5 मेघालय निवासी और 1 असम फॉरेस्ट गार्ड शामिल थे) की मौत हो गई थी। उसके बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ताएं कीं, जिसमें 6 क्षेत्रों पर सहमति बनी। लेकिन बाकी 6 विवादित क्षेत्रों (जिनमें लपांगाप शामिल है) पर अभी भी बातचीत जारी है। जून 2025 में पौधारोपण अभियान के दौरान भी इसी इलाके में तनाव बढ़ा था, जब मेघालय ग्रामीणों ने असम के कार्बी आंग्लोंग ऑटोनॉमस काउंसिल द्वारा लगाए गए पौधों को उखाड़ फेंका था। सितंबर 2025 में फसल कटाई के दौरान भी गुलेल और पत्थरों से हमलों की घटनाएं दर्ज हुईं।

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