उत्तराखंड राज्य सेनानीयोंयों की बैठक में राज्य की अवधारणा से जुड़े सवालों का समाधान न होने पर आक्रोश जताते हुए विधानसभा ,लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर न कर क्षेत्रफल पर के आधार पर करने की मांग की।
उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच के संयोजक चंद्रशेखर जोशी की अध्यक्षता , नवीन नैथानी के संचालन में संपन्न बैठक में उत्तराखंड राज्य सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष , पूर्व दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि 10% क्षैतिज आरक्षण लागू होने के बावजूद उसका लाभ राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को नहीं मिल पा रहा है। आंदोलनकारी को मिलने वाला मानदेय समय पर न मिलने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि शीघ्र ही कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल में राज्य आंदोलनकारियों का सम्मेलन आयोजित कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में वांछित आंदोलनकारी के चीनी कारण न किए जाने पर और नाराजगी का इजहार किया उन्होंने का जब सब आंदोलनकारी मर जाएंगे तब करेंगे क्या उनका चिन्हीकरण।
राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा की राज्य आंदोलनकारी को राज्य की अवधारणा, सम्मान, स्वाभिमान,शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए फिर से सड़कों पर उतरने की जरूरत है। पूर्व दर्जा मंत्री पुष्कर दुर्गापाल ने सभी राज्य आंदोलनकारी को एक मंच पर आकर राज्य आंदोलनकारी की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होने की जरूरत है। बैठक में रामनगर की दिन प्रतिदिन बिगड़ थी कानून व्यवस्था ,यातायात व्यवस्था के कारण आम जनता, पर्यटन ,श्रद्धालु परेशान हैं। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने का निर्णय लिया गया।बैठक मे राज्य आंदोलनकारी इंन्दर सिंह मनराल, सुमित्रा बिष्ट, कमला जोशी , रईस अहमद, पान सिंह नेगी, सुरेन्द्र नेगी, डी डी सती, मनोज गोस्वामी , योगेश सती , नारायण सिंह रावत, जितेन्द्र गौड़, प्रभात ध्यानी, नवीन नैथानी , चंद्रशेखर जोशी, धीरेन्द्र प्रताप आदि थे।