हरिद्वार। हाथियों का घर और बाघों का अभयारण्य माने जाने वाले राजाजी टाइगर रिजर्व को 15 जून से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। मानसून सीजन के कारण यह रिजर्व 15 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा। इस बार पार्क के सभी गेटों से बड़ी संख्या में पर्यटकों ने वन्यजीवों के दीदार के लिए प्रवेश किया।
रानीपुर गेट से इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले दोगुनी आमदनी हुई है। पिछले वर्ष यहां से करीब 9 लाख 58 हजार रुपये की आमदनी हुई थी, जो इस बार बढ़कर 17 लाख 36 हजार रुपये हो गई है। वहीं, मोहण्ड गेट और चीलावाली के चीला गेट ने भी रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है। इन दोनों गेटों ने पूर्व वर्षों के मुकाबले नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, और मोतिचूर गेट ने भी अच्छा राजस्व कमाया। कुल मिलाकर सभी चार गेटों से राजाजी टाइगर रिजर्व को एक करोड़ तेईस लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
इस बार भारतीय पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। सभी चार गेटों से कुल 51,500 पर्यटकों ने भ्रमण किया, जिसमें 2,000 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। पिछले वर्ष राजाजी रिजर्व में करीब 46,000 सैलानी पहुंचे थे, जिनमें से 1,400 विदेशी नागरिक थे।
चारों गेटों से प्राप्त राजस्व इस प्रकार है:
रानीपुर: 17.36 लाख
मोहण्ड: 35.27 लाख
चीला: 53.20 लाख
मोतिचूर: 17.13 लाख
इस शानदार आमदनी से यह साफ जाहिर होता है कि राजाजी टाइगर रिजर्व ने अपनी पर्यटन क्षमता को और बढ़ाया है और पर्यटकों के बीच अपनी लोकप्रियता में वृद्धि की है।