गोपेश्वर, चमोली: पोखरी विकासखंड के सिवाई गांव स्थित बनातोली में मां चंडिका मंदिर के पौराणिक जल स्रोत को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है। ग्रामीणों का आरोप है कि रेलवे निर्माण कार्य के दौरान यह ऐतिहासिक जल स्रोत क्षतिग्रस्त हो गया, और बार-बार अनुरोध के बावजूद रेलवे ने अब तक इसका सुधारीकरण नहीं कराया है। इसी को लेकर सोमवार को क्षेत्र के 27 गांवों के ग्रामीणों ने सिवाई में एकजुट होकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दिलबर सिंह और सचिव ईश्वर सिंह ने बताया कि यह जल स्रोत मां चंडिका मंदिर की प्राचीन धरोहर है, जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा सुरंग निर्माण के दौरान यह स्रोत पूरी तरह से नष्ट हो गया। इसकी जानकारी समय रहते जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को दे दी गई थी, लेकिन दो माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई।
धरना दे रहे ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक पौराणिक जल स्रोत का पुनर्निर्माण नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका कहना है कि जल्द ही मां चंडिका की दिवारा यात्रा होने वाली है, और इससे पहले जल स्रोत का पुनर्निर्माण आवश्यक है, ताकि धार्मिक परंपराएं बाधित न हों।
प्रदर्शन में संदीप सिंह, राजेंद्र सिंह, जयकृत सिंह, धीरेंद्र राणा, विनोद सिंह, संजय सिंह, दर्शन सिंह समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
ग्रामीणों की यह मांग सिर्फ आस्था से जुड़ी नहीं, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और जल स्रोत संरक्षण से भी संबंधित है।