केन्द्रीय पुस्तकालय व चाहरदीवारी के निर्माण कार्यों में आयेगी तेजी
देहरादून। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय (Soban Singh Jeena University) के चम्पावत परिसर में विभिन्न निर्माण कार्यों में अब तेजी आयेगी। इसके लिये राज्य सरकार ने पहली किस्त के तौर पर विश्वविद्यालय को 5 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी है। सरकार द्वारा अवमुक्त इस धनराशि से विश्वविद्यालय कैम्पस में केन्द्रीय पुस्तकालय, चाहरदीवारी का निर्माण किया जायेगा, इसके अलावा कैम्पास में मिनी स्पोटर्स स्टेडियम भी बनाया जायेगा।
राज्य सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों एवं उनकी इकाइयों में गुणात्मक सुधार के लिये निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में सरकार ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के चम्पावत परिसर कें विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन मद में स्वीकृत 10 करोड़ की धनराशि में से पहली किस्त के तौर पर 5 करोड़ की अवमुक्त की है।
सरकार द्वारा अवमुक्त धनराशि से विश्वविद्यालय के चम्पावत कैम्पस में आधुनिक केन्द्रीय पुस्तकालय बनाया जायेगा। जिसमें छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिये सभी सुविधाएं उपलब्ध की जायेगी। इसके अलावा परिसर में खेलों को बढ़ावा देने के लिये मिनी स्पोटर्स स्टेडियम भी तैयार किया जायेगा, जो खेल मानकों के अनुरूप विकसित किया जायेगा। जिसमें इनडोर और आउटडोर खेलों की भी सुविधा होगी।
इसके साथ ही परिसर की चाहरदीवारी का कार्य भी किया जायेगा। विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण कार्यों के लिये ब्रिडकुल को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की कोहाती न बरतने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन एवं कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के चम्पावत कैम्सस को सेंटर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा, ताकि सीमान्त क्षेत्र के युवाओं को विश्वविद्यालय परिसर में ही गुणात्मक शिक्षा मिल सके।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के चम्पावत परिसर में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये सरकार ने पहली किस्त के तौर पर 5 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी है। जिससे परिसर में केन्द्रीय पुस्तकालय, मिनी स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाया जायेग, साथ ही परिसर की चाहरदीवारी भी की जायेगी। सीमांत क्षेत्र के इस परिसर को सेंटर फॉर एक्सीलेंस के तौर पर विकसित किया जायेगा।
– डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड