देहरादून। आज इतिहास रचने जा रहा है उत्तराखंड । समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे से ठीक पहले दोपहर करीब 12:30 बजे इस ऐतिहासिक कानून को लागू किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक UCC को पूरे उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। यह कानून राज्य के बाहर रहने वाले उत्तराखंड वासियों पर भी लागू होगा।
CM धामी ने कहा, “UCC का कार्यान्वयन समाज में समानता लाने और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह हिमालयी राज्य को स्वतंत्रता के बाद इस प्रगतिशील कानून को लागू करने वाला पहला राज्य बना देगा।”
UCC को लेकर राज्य सरकार ने कैसे की तैयारी?
इस निर्णय के क्रियान्वयन से पहले, सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, मॉक ड्रिल्स की गईं, और ड्राई-रन सत्र पूरे किए गए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह कानून राज्य में प्रभावी ढंग से लागू हो, विस्तृत योजनाएँ बनाई गईं।
Uniform Civil Code (UCC) क्या है और इसका महत्व?
Uniform Civil Code का उद्देश्य समाज में व्यक्तिगत कानूनों को सभी धर्मों के लिए एक समान बनाना है। इसके तहत विवाह, तलाक, संपत्ति अधिकार, और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे विषयों को नियंत्रित किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ:
विवाह और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
Equal Property Rights सुनिश्चित किए जाएंगे।
बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
यह कानून स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है कि विवाह में शामिल होने के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 21 और महिलाओं की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। विवाह धार्मिक रीति-रिवाजों से हो सकता है, लेकिन mandatory registration of marriage आवश्यक होगा ताकि कानूनी मान्यता दी जा सके।
UCC की आवश्यकता क्यों है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में यह प्रावधान है कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विषय पर जोर देते हुए कहा है कि Uniform Civil Code संविधान के निर्माताओं के सपनों को साकार करने का मार्ग है।
समाज पर प्रभाव
Gender Equality: UCC महिलाओं को संपत्ति और अन्य अधिकारों में समानता प्रदान करेगा।
Legal Clarity: विवाह, तलाक, और उत्तराधिकार से जुड़े कानूनी विवादों में कमी आएगी।
सामाजिक एकता: यह कदम सभी धर्मों के बीच समानता और एकता को बढ़ावा देगा।
UCC का आलोचना और विरोध
हालांकि, इस कदम का समर्थन करने वाले इसे प्रगतिशील मानते हैं, वहीं कुछ वर्गों में इसे लेकर आलोचना भी हो रही है।
प्रमुख आलोचनाएँ:
धार्मिक विभाजन: विरोधियों का मानना है कि यह कदम समाज में धार्मिक विभाजन को बढ़ा सकता है।
व्यावहारिक कठिनाइयाँ: UCC को लागू करना विविधताओं वाले देश में चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
Over-ambition: कुछ विशेषज्ञ इसे अत्यधिक महत्वाकांक्षी मानते हैं।
विपक्षी नेताओं ने यह भी दावा किया है कि Uniform Civil Code सांस्कृतिक विविधता को खतरा पहुंचा सकता है।
UCC के कार्यान्वयन की प्रक्रिया
उत्तराखंड में UCC लागू करने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की गई है:
ड्राफ्टिंग कमेटी: मुख्यमंत्री धामी ने 2022 के चुनावी वादे को पूरा करते हुए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय समिति बनाई।
सार्वजनिक परामर्श: समिति ने 2.3 लाख से अधिक लोगों से फीडबैक लिया, जो उत्तराखंड के लगभग 10% परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कानूनी प्रक्रिया:
740 पन्नों की रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को पेश की गई।
6 फरवरी को विधानसभा में पेश किया गया और अगले दिन पारित हो गया।
11 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्वारा इसे स्वीकृति दी गई।