सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है भागवत का दौरा, 19 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रम
सनातन धर्म के सिद्धांतों पर आधारित हिंदुत्व का कराएंगे बोध, विविधता में एकता के महत्व पर देंगे जोर
मानवता के कल्याण के लिए पंच परिवर्तन का संदेश देंगे भागवत, दिखाएंगे संतुलन की राह
देहरादून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (आरएसएस प्रमुख) डॉ. मोहन भागवत 16 से 19 नवंबर तक देवभूमि उत्तराखंड में प्रवास करेंगे। नेपाल और चीन की सीमा से सटे उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में डाॅ भागवत के चार दिवसीय कार्यक्रम है। भागवत का दौरा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरसंघचालक मोहन भागवत मौजूदा वैश्विक हालातों में दुनिया को सही राह दिखाने के लिए सनातन धर्म के सिद्धांतों पर आधारित हिंदुत्व का बोध कराएंगे और मानवता के कल्याण के लिए पंच परिवर्तन यथा स्वदेशी, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य व पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संदेश देंगे।
दरअसल, सामाजिक समस्याओं और सुरक्षा पर ध्यान देना भी आज के दौर की एक बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में सबको साथ लेकर चलने और संतुलन की राह दिखाने के लिए वे विविधता में एकता के महत्व पर जोर देंगे। उत्तराखंड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख संजय ने बताया कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के प्रवास के दौरान 16 नवंबर से 19 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान वे अलग-अलग सांगठनिक बैठक के अलावा कुछ अन्य कार्यक्रम में शामिल होंगे और कार्यकर्ताओं संग चार बैठकें करेंगे।
नवनिर्मित विद्यालय भवन का करेंगे लोकार्पण, संवाद बैठक व संघ कार्य के विस्तार पर चर्चा
सरसंघचालक सभी जिला प्रचारक व वरिष्ठ प्रचारकों के साथ संवाद बैठक करेंगे। 17 नवंबर को भागवत पिथौरागढ़ जिले में मुवानी में नवनिर्मित शेर सिंह कार्की विद्यालय भवन का लोकार्पण करेंगे। इसके सार्वजनिक कार्यक्रम के अलावा डाॅ. भागवत जनमानस के साथ वर्तमान की शाखा मिलन व मंडली संघ कार्य के विस्तार पर चर्चा करेंगे। सरसंघचालक डॉ. भागवत शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन- स्वदेशी, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर भी जोर देंगे। उत्तराखंड में वर्तमान में 1435 शाखा है। 357 मिलन व 211 मंडली है।
पिथौरागढ़ में सरसंघचालक के नाते डॉ. भागवत का यह पहला दौरा
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के आगमन से पूर्व उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी का आगमन मायावती आश्रम में तथा तृतीय सरसंघचालक बाला साहब देवरसजी का आगमन पिथौरागढ़ में हो चुका है। हालांकि पिथौरागढ़ में सरसंघचालक के नाते डॉ. मोहन भागवत का यह पहला दौरा है।