बिहार :  बोरियों में अदरख उगाकर किसान ने दिखाई नई राह

पूर्वी चंपारण। जिला में मोतिहारी प्रखंड के एक किसान ने सबको चौकने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल इस किसान के पास खेत नहीं है, लेकिन वह हर साल खेती से लाखों की कमाई कर रहा है। किसान बसंत कुमार को यह कमाई अदरक की खेती से हो रही है। जिसे वे सीमेंट की 225 बोरियों में कर रहे है।

किसान बसंत के अनुसार वह अपनी खेती जैविक तरीके से कर रहे है। प्रति बोरी से उन्हे दो किलो से अधिक की पैदावार मिल रही है। बाजार में अदरक की मांग के होने के कारण उन्हे अच्छी रेट मिल जाती है।अपने इस प्रयोग की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते किसान वसंत बताते है,कि कुछ अच्छा करने के लिए महज संसाधन होना ही नही बल्कि जज्बा का होना भी जरूरी है।

उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि एक दिन मै यूट्यूब पर वीडियो देख रहा था। इसी दौरान देखा कि एक किसान बोरियों में अदरक की खेती कर मोटी कमाई कर रहा है। लिहाजा उसने भी प्रयोग करने की ठान ली। बसंत कुमार के मुताबिक उसका क्षेत्र बाढ़ व जलजमाव प्रभावित है।ऐसे में वह कुछ समय तो इन बोरियों को घर के बाहर रखता है, लेकिन बरसात के दिनो में वह इन बोरियों को घर के छत पर रख देता है। जिससे इसे कोई नुकसान नही होता है। बसंत ने बताया कि घर के पास मौजूद थोड़ी सी जमीन पर वह केले के पौधे और गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करता है और अपनी खेती में इसी खाद का इस्तेमाल करता है।जिससे एक सीजन मे उसे करीब पांच कुंटल अदरक की पैदावार हो जाती है। जिसे वह 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचता है।

अदरख की खेती मुख्यत: दो सीजन में होने के कारण हर साल उसे चार से पांच लाख रुपये की कमाई हो जाती है। बसंत ने बताया कि उसके पैदावार की खफत फिलहाल लोकल मार्केट में ही हो रहा है। अब औषधियां बनाने के लिए भी उनकी फसल की डिमांड आने लगी है। ऐसे में अब वह बोरियों की संख्या धीरे धीरे बढ़ाने लगा है।

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