देहरादून। श्री गुरु राम राय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गढ़भोज दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग विभाग किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने गढवाल के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की बनाने की विधि एवं उनके स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पर विविध कारी उपलब्ध कराई गई। गढ़ भोज दिवस का आयोजन महाविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा किया। इस अवसर पर इतिहास के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर प्रोफेसर एम् एस गोसाई ने गढ़ भोज दिवस की को मनाए जाने के पीछे उच्च शिक्षा विभाग के मंतव्य से छात्र-छात्राओं को परिचित कराया एवं विभिन्न प्रकार के गढ़वाली खाद्य सामग्री और उनके प्रभावशाली विपणन की आवश्यकता पर स्थानीय लोग की प्रभावशाली भूमिका की चर्चा की। इस अवसर पर हिंदी विभाग का अध्यक्ष प्रोफेसर सुमंगल ने अपने बाल्यकाल के संस्मरणों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के स्थानीय व्यंजनों की जानकारी उपलब्ध कराई गई। महाविद्यालय के रसायन विभाग के प्रोफेसर संदीप नेगी ने स्थानीय व्यंजनों के वैज्ञानिक पहलुओं की सूक्ष्म जानकारी दी। उन्होंने बताया की सभी प्रकार की मेडिसिंस मूलत हमें पेड़ पौधों से ही प्राप्त करते है क्योंकि स्थानीय पादप अपने को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए स्वयं ही अपने अंदर रासायनिक परिवर्तन कर लेते हैं और इन्हीं रासायनिक परिवर्तनों को हम भिन्न-भिन्न प्रकार के औषधीय के निर्माण के लिए उपयोग करते है। कालांतर में उनको मानवीय विधि से बनाकर दवाइयां के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रदीप सिंह ने छात्र-छात्राओं को स्थानीय उत्पादों की महत्व की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया प्रकृति न केवल अपने को जीवित रखने के अपने अंदर इस प्रकार के परिवर्तन लाती है की वह कभी खत्म ना हो सके। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं को फास्ट फूड्स से दूरी बनाते हुए अपने स्थानीय उत्पादों की ओर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए स्वयं से अपने स्थानीय व्यंजनों और उत्पादों का प्रयोग करने की सलाह दी गई। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वयं से स्थानीय भोज्य को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर इसके इसके प्रचलन में सहयोग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य नियंता डॉक्टर हर्षवर्धन पंत, आनंद सिंह राणा डॉक्टर अरविंद नौटियाल डॉ महेश कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।