जोशीमठ आपदा प्रकरण में केन्द्र एवं राज्य सरकार का उदासीन रवैया आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए चिंता का विषय :डॉ प्रतिमा सिंह

देहरादून । प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र पर सरकार के उदासीन रवैये पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि जोशीमठ में आई आपदा को लगभग दो वर्ष का समय व्यतीत हो गया है परन्तु आपदा प्रभावितोें के विस्थापन एवं ट्रीटमेंट के प्रति केन्द्र व राज्य सरकार का रवैया गम्भीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की आपदा के समय की स्थिति की तस्वीरें काफी भयभीत करने वाली हैं। जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण आई आपदा से प्रभावित क्षेत्र के लोगों का तत्काल पुनर्वास सुनिश्चित किया जाना चाहिए था परन्तु दो वर्ष बीत जाने के बाद भी केन्द्र व राज्य सरकार गहरी निद्रा में सोई हुई हैं तथा किसी बडी आपदा का इंतजार कर रही हैं।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि जोशीमठ देवभूमि उत्तराखंड का ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगर है इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार जोशीमठ नगर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में विकास के नाम पर विनाश हो रहा है जो कि गम्भीर चिंता का विषय है।
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने यह भी कहा कि आपदा के बाद वर्तमान में हुई भारी बरसात से जोशीमठ के हालात और भी बिगड चुके हैं तथा आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों की सुरक्षा हेतु सरकार की ओर से जो इंतजामात किये जाने चाहिए थे वे नहीं किये गये हैं जिससे लोगों को आज भी वैकल्पिक स्थानों मे शरण लेकर काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के मामले में भू वैज्ञानिकों एवं पर्यावरण विदों के सुझावों पर अमल करने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने चाहिए तथा लोगों की जानमाल एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये सुझाव के अनुरूप जोशीमठ क्षेत्र में बडे निर्माण कार्य एवं सुरंगें खोदने का काम तुरंत बन्द किया जाना चाहिए, जिससे धर्म नगरी जोशीमठ नगर के अस्तित्व पर आये इस संकट को टाला जा सके तथा भविष्य में भयावह त्रासदी से होने वाली जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने राज्य एवं केन्द्र सरकार से आपदाग्रस्त क्षेत्र के पुननिर्माण एवं प्रभावित लोगों के उचित विस्थापन के लिए विशेष पैकेज देने की भी मांग की।

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