कर्म महोत्सव भाई बहन के अटूट प्रेम, रक्षा सुरक्षा एवं कर्म देवता के प्रति आस्था का प्रतीक है नेहा भारती
रामगढ़। सदाचार परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक कर्म पूजा आदिवासी समाज के संस्कृति पर आधारित झारखंड का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे झारखंड में रहने वाले आदिवासी समुदाय के अलावे समाज के अन्य जाति के लोग भी इसे मानते हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए नेहा भारती ने बताया कि मानता है कि संकट आए हुए एक भाई कौन नदी में तैरता हुआ कम पेड़ का डाली मिला, उसे घर में संकट था, उसने पेड़ की पूजा की करम देवता को प्रसन्न किया और तब से करम डाली की पूजा की जाती है। कर्म भगवान का नृत्य पूर्वी और मध्य भारत का एक महत्वपूर्ण नृत्य है,, जो भाद्रपद की शुक्ल पक्ष के 11वीं तिथि से प्रारंभ होती है जिसमें कर्मा और धर्मा की पूजा की जाती है। इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रुति एवं इशिका कुमारी ने बताया कि कर्म शक्ति युवा और यौवन के देवता है जो अच्छी फसल और स्वास्थ के कारण इनकी पूजा की जाती है। यह पर्व रामगढ़ जिला के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय एवं समुदाय के लोगों ने करमा गीत पर नृत्य संगीत का नृत्य पेश करते हुए बड़ी ही धूमधाम से मनाई। रामगढ़ जिला के पतरातू,मांडू, गिद्दी,भुरकुंडा, कुजू,वेस्ट बोकारो, आरा, सारूबेरा सही अन्य स्थानों में धूमधाम से मनाया गया। सारुबेरा मैं संजू,रूही, ज्योति, श्वेता,मिस्टी, काजल सपना, सिमरन, नैना, सहित दर्जनों लड़कियों ने ढोल नगाड़ा एवं मादर की थाप पर रात भर नृत्य करती रही एवं झुमती रही।कर्म महोत्सव भाई बहन के अटूट प्रेम, रक्षा सुरक्षा एवं कर्म देवता के प्रति आस्था का प्रतीक है नेहा भारती।