डीएवी पब्लिक स्कूल रजरप्पा में युगपुरुष व हिंदी साहित्य के महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की 144वीं जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम विद्यालय के शिक्षकों ने प्रेमचंद जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । विद्यालय के हिंदी शिक्षक मो खालिद सरफराज और श्री हरेंद्र कुमार सिंह ने उनके जीवन व आदर्शों पर प्रकाश डाला । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रेमचंद जी का साहित्य अन्य साहित्यकारों की रचना से भिन्न है। उनकी रचनाओं में भारतीय ग्रामीण संस्कृति और कृषक समाज की झलक मिलती है। प्रेमचंद जी के उपन्यास किसान जीवन की समस्याओं और उनकी विवशता को प्रदर्शित करता है । प्रेमचंद जयंती के अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ० एस के शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि व्यक्ति को प्रेमचंद की तरह देशभक्त, साहित्य प्रेमी और कर्मठ होना चाहिए । उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था । प्रेमचंद जी जब तक कुछ साहित्य से जुड़ी बात लिख नहीं लेते थे तब तक जलपान नहीं करते थे । बच्चों के बीच प्रेमचंद जी के द्वारा रचित कहानी वाचन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । कार्यक्रम के साथ अवसर पर मो खालिद सरफराज, हरेंद्र कुमार सिंह, नीतू ढल्ला, निशा सिन्हा, रीमा, सत्यकाम आर्य आदि कई शिक्षक उपस्थित थे ।