हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्र की एकता एवं अखंडता कायम रखने में संत महापुरुषों की हमेशा अहम भूमिका रही है। कनखल सन्यास मार्ग स्थित श्री रामेश्वर आश्रम सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि और संत महापुरूषों की तपस्थली है। श्री रामेश्वर आश्रम सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के परमाध्यक्ष बालसंत महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज विद्वान और तपस्वी संत हैं। सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के साथ समाज को धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में उनका अहम योगदान है। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलने वाला देश है। स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज के नेतृत्व में श्री रामेश्वर आश्रम सेवा चैरिेटेबल ट्रस्ट धर्म और अध्यात्म के प्रमुख केंद्र के रूप में श्रद्धालु भक्तों को मार्गदर्शन प्रदान करेगा। स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत व सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों का अपना कुछ नहीं होता है। संत जो कुछ भी बनाते हैं। समाज हित के लिए बनाते हैं। श्री रामेश्वर आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से मानव कल्याण एवं सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के कार्यो को आगे बढ़ाना ही उनका उद्देश्य है। इस अवसर पर संत द्वारका मां, उषा माता, विवेक अग्रवाल, सुशीन्द्रा, लाडी, राजकुमार, मोहिंद्र पाल, जगजीत, रविकांत, महंत जसवेंद्र सिंह, महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत गोविंद दास, महंत राघवेंद्र दास आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।