प्रचार का सन्नाटा नहीं जगा पाया मतदाताओं में उत्साह

पौड़ी। लोकसभा चुनावों में इस बार पहले से कम वोटिंग चिंताजनक है। मुख्य राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस की कमजोर प्रचार शैली मतदाताओं के भीतर चुनाव को लेकर कोई खास उत्साह पैदा नहीं कर पाई। ऐसा पहली दफा था जब राजनीतिक दलों के समर्थकों के घरों पर पार्टी झण्डे तक लहराते नहीं दिखे। भाजपा अति आत्मविश्वास में तो कांग्रेस संगठन व संसाधनों की कमी के कारण चुनावी माहौल को दिलचस्प नहीं बना पाई।
लोकसभा चुनावों में वोटिंग के गिरे प्रतिशत को लेकर जिला निर्वाचन विभाग परेशान है। दो महीनों से प्रशासन स्वीप अभियान के तहत वोटरों को मतदान के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहा था। तरह तरह के अभिनव प्रयोगों के साथ ही सोशल मीडिया पर भरसक प्रचार करने का प्रयास किया गया। बावजूद इसके मतदाता घरों से नहीं निकले व वोटिंग प्रतिशत गिर गया। जानकार मान रहे कि इस बार राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव प्रचार के नाम पर खानापूर्ती ही की। कांग्रेस व भाजपा समर्थक कार्यकर्ता प्रत्याशी के इर्द गिर्द ही घूमते रहे। चुनाव प्रचार टोलियां आम घरों तक नहीं पहुंची। कुछ एक जगह घरों तक प्रचार सामग्री पहुंचाने के लिए धियाड़ी के कार्यकर्ता रखे गए थे। उन्होंने धियाड़ी तो भरपूर ली लेकिन घरों तक नहीं पहुंचे। ऐसे में मतदाताओं के बीच चुनाव को लेकर उत्साह नहीं बन पाया। कई स्थानों पर जिला निर्वाचन विभाग के बीएलओ ने भी घरों में वोटर पर्चियां नहीं पहुंचाई। ऐसे में मतदाता सूची व मतदान स्थल को लेकर असमंजस में घिरे वोटर न घर पर ही रहना उचित समझा।
कांग्रेस की बात करें तो पार्टी संगठन की कमी से जूझ रही थी। आर्थिक संसाधन भी सीमित होने के कारण अधिक प्रचार सामग्री नहीं जुटाई जा सकी। जितनी थी भी वह घरों तक नहीं पहुंची। कांग्रेस समिति कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव लड़ती रही। दूसरी तरफ भाजपा के कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास में प्रचार में नहीं जुटे। प्रत्येक विधानसभा में चुनाव की बागडोर विधायकों के हाथ में थी। विधायकों से नाराजगी के कारण कार्यकर्ता सिर्फ प्रत्याशी के इर्द गिर्द घूमकर अपनी उपस्थित दर्ज कराते रहे। जमीनी स्तर पर काम न होने से पूरे चुनावी प्रचार अभियान में सन्नाटा सा पसरा रहा। गाडिय़ों से ही दोनों पार्टियों ने अपना भोंपी बजा वोटरों के बीच पहुंचने की कोशिश की। मतदाताओं तक न पहुंचने के कारण वोटरों में इस चुनाव को लेकर कोई उत्साह नहीं देखा गया, जिसकी परिणीति मतदान दिवस पर कम वोटिंग के रूप में देखी गई।

Leave a Reply