देहरादून। डी.ए.वी. (पीजी) कॉलेज, देहरादून के सभागार पूरण सिंह नेगी में विश्व आटिज्म जागरूकता कार्यक्रम का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया , कार्यक्रम रंग विविधता की थीम पर आधारित रहा। जिसमें औतिस्टिक बच्चों की सक्रीय भागीदारी रही , जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर को आमंत्रित किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया , जिसके क्रम मे डी.ए.वी. (पीजी) कॉलेज के प्राचार्य सुनीलकुमार ने संबोधित किया। जिसमें उन्होंने आटिज्म के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना, समाज में उनके स्वीकार्य को बढ़ावा देने संबधित महत्वपूर्ण तिथियों को उद्घोषित किया साथ ही उन्होंने प्रभावशाली अवाम महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए IQAC और जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र के सहयोगात्मक प्रयासों कि सराहना की। IQAC कि समन्वयक डॉ . ओनिमा शर्मा ने विश्व आटिज्म जागरूकता दिवस कार्यक्रम कि अप्रिहारिता पर बल देते हुए कार्यक्रम की थीम “ रंग विविधता का जश्न “ को बढ़ावा देने के महत्वा पर प्रकाश डाला । विख्यात विद्यावान विशेषज्ञों ने आटिज्म जागरूकता वह समर्थन को आगे बढाने के मकसद को बढाने हेतु वर्तमान रुझानों और पहलुओं
पर मूल्यवान विचार प्रस्तुत करते हुए व्यवाहरिक परिस्थितयों को उजाकर किया |
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण डी.ए.वी. (पीजी) कॉलेज, के प्रवक्ता डॉ . विकास चौबे द्वारा संचालित किया तथा चर्चा विषय विशेषज्ञ के साथ कि गई , चर्चा के मुख्य बिंदु प्रचलित अवधारणा में प्रारंभिक हस्तक्षेप , समवेषी शिक्षा , समुदाई समर्थन और आटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सशक्त करना रणनीति में शामिल है।
कार्यक्रम का आकर्षण बिंदु स्कूल के बच्चों द्वारा दी गई रंगारंग प्रस्तुतिकरण रहा।
जिसमे मास्टर आदित्य के द्वारा अद्भुत शिव तांडव नृत्य प्रस्तुत किया गया , केदार , आदित्य , शुभम पुंडीर , शौयारा , कृष्णा एवं अनमोल के द्वारा देशभक्ति गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया साथ ही आदर्श के द्वारा बॉलीवुड गाने पर शानदार प्रदर्शन ने सभी को आनंदित किया ।
डी.ए.वी. (पीजी) कॉलेज, के छात्र छात्रों द्वारा थीम पर आधारित नाट्य अवाम नृत्य कि सुन्दर प्रस्तुति कि गई , सुन्दर प्रस्तुति ने दर्शको को भावुक कर दिया।
सम्मानित पैनलिस्ट और उनके संबंधित विषय कुछ इस प्रकार थे, डॉ. भरत (सलाहकार मनोवैज्ञानिक) – विषय: स्पेक्ट्रम के भीतर विविध विशेषताओं और चुनौतियों को समझना, डॉ. बी. प्रतिभा शर्मा (सलाहकार नैदानिक मनोवैज्ञानिक) – विषय: माता-पिता को सशक्त बनाना एएसडी वाले बच्चों की संख्या, डॉ. सलोनी आनंद अरोड़ा (पुनर्वास मनोवैज्ञानिक और विशेष शिक्षक) – विषय: कलंक को तोड़ना, डॉ. सोना कौशल (सलाहकार न्यूरो मनोवैज्ञानिक और बाल मनोविज्ञान में विशेषज्ञ) – विषय: शिक्षा, रोजगार और समाज- चुनौतियाँ और समाधान, डॉ. श्रुति कुमार (एमबीबीएस, डीसीएच, डीएनबी बाल रोग विशेषज्ञ और अक्ष बाल विकास केंद्र के संस्थापक) – विषय: प्रारंभिक जांच और हस्तक्षेप। ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के माता-पिता द्वारा व्यक्तिगत कहानियों और अनुभवों की हार्दिक साझेदारी ने सभी उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया, जिससे ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे के पालन-पोषण की खुशियों और चुनौतियों की एक गहरी मार्मिक और प्रामाणिक झलक दिखी ।
कार्यक्रम का समापन डी.ए.वी. (पीजी) कॉलेज कि प्रवक्ता डॉ . उषा पाठक द्वारा अपनी धन्यवाद संप्रेषित करते हुए सभी के प्रति आभार प्रस्तुत किया । ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के लिए स्वीकृति, समावेशन और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
विशिष्ट उपस्थित लोगों में प्रोफेसर एस.पी.जोशी, प्रोफेसर के.आर. जैन, डॉ. जस्सल, डॉ. प्रशांत सिंह, डॉ रवि दीक्षित, डॉ विनीत विश्नोई, डॉ अतुल सिंह, डॉ नैना श्रीवास्तव, प्रोफेसर अंजू बाली पांडे, डॉ पारुल दीक्षित, प्रोफेसर शिखा नागलिया, डॉ ज्योति सेंगर, श्री अनंत प्रकाश मेहरा, सुश्री निरुपमा, और अन्य सम्मानित संकाय कॉलेज के सदस्य, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम के महत्व को बढ़ा दिया।