नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कच्चातिवु द्वीप मुद्दे को लेकर सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि भारत द्वारा कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने के मुद्दे पर सामने आ रही नई जानकारियों ने द्रमुक के दोहरे मानकों को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है।
उन्होंने एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने समझौते पर सहमति दी जबकि द्रमुक ने सार्वजनिक तौर पर इसका विरोध किया था। यह मीडिया रिपोर्ट तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई को आरटीआई के तहत मिले एक जवाब पर आधारित है। उन्होंने 1974 में भारत और श्रीलंका के बीच हुए समझौते के बारे में जानकारी मांगी थी जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।
मोदी ने कहा, ‘‘बयानबाजी के अलावा, द्रमुक ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चातिवु पर सामने आ रही नयी जानकारियों ने द्रमुक के दोहरे मानकों को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और द्रमुक परिवार की इकाइयां हैं। वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उनके अपने बेटे और बेटियां आगे बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है।
कच्चातिवु पर उनकी बेरुखी ने हमारे गरीब मछुआरों और विशेष रूप से मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।’’ प्रधानमंत्री ने रविवार को इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 साल से काम करने का तरीका रहा है।’’ भाजपा को उम्मीद है कि यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के दौरान तमिलनाडु में उसे राजनीतिक लाभ और वहां पैर जमाने के उसके प्रयासों में उपयोगी साबित होगा।