नई दिल्ली। केंद्र ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाले आवेदनों पर जवाब दाखिल करने के लिए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से समय मांगा।
मामले में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से कहा कि उन्हें 20 आवेदनों पर जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए।
इन आवेदनों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का शीर्ष अदालत द्वारा निपटारा किए जाने तक संबंधित नियमों पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है। मेहता ने पीठ से कहा, ”यह (सीएए) किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता।” सुनवाई जारी है।
संसद द्वारा विवादास्पद कानून पारित किए जाने के चार साल बाद केंद्र ने 11 मार्च को प्रासंगिक नियमों की अधिसूचना के साथ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। इस कानून में 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।