नैनीताल। हाई कोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की। मामले को सुनने के पश्चात न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ठ, कुलदीप सिंह एवं 102 अन्य लोगों ने एकलपीठ में चुनौती दी है। याचिकाओं में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा उनकी सेवाएं 27, 28 ,व 29 सितम्बर 2022 को समाप्त कर दी गई। बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार पर किस कारण की वजह से हटाया गया कहीं इसका उल्लेख नहीं किया गया, न ही उन्हें सुना गया, जबकि उनके द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया गया है। एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है। यह आदेश विधि विरुद्ध है। विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच में भी हुई हैं जिनको नियमित किया जा चुका है।
याचिकाओं में कहा गया है कि 2014 तक हुए तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई। लेकिन उन्हें 6 वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया। अब उन्हें हटा दिया गया। पूर्व में उनकी नियुक्ति को लेकर 2018 में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गयी थी, जिसमें कोर्ट ने उनके हित में आदेश देकर माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है जबकि नियमानुसार छह माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था।