नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को खेलो इंडिया गेम्स पूर्वोत्तर में दिए वीडियो संदेश में कहा कि आज समय की मांग है कि हम खेलों को बढ़ावा देने के साथ ही खेलों को सेलिब्रेट भी करें और ये खिलाड़ियों से ज्यादा समाज का दायित्व है। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्वोत्तर की प्रशंसा की और कहा कि पूर्वोत्तर की इस धरती ने खेलों को आगे बढ़ाने की एक संस्कृति विकसित की है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में दिए वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार खेलो इंडिया गेम्स पूर्वोत्तर के सात राज्यों में आयोजित हो रहे हैं। वे पूर्वोत्तर के क्षेत्रों को अष्टलक्ष्मी से जोड़ते हैं। इन खेलों का शुभंकर तितली है। यह इस बात का प्रतीक है कि कैसे पूर्वोत्तर की आकांक्षाएं नए पंख पा रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर से दक्षिण और पश्चिम से पूर्वी भारत तक देश के हर कोने में खेलों से जुड़े आयोजन हो रहे हैं। आयोजन बताते हैं कि देश के कोने-कोने में युवाओं को खेलने के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके मिल रहे हैं।
खेलों को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रेनिंग से लेकर स्कॉलरशिप देने तक देश में खिलाड़ियों के लिए एक अनुकूल माहौल बन रहा है। इस साल खेलों के लिए रिकॉर्ड साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इसी का नतीजा है कि आज भारत हर प्रतियोगिता में पहले के मुकाबले ज्यादा मेडल जीत रहा है।
उन्होंने कहा कि खेल हमें दुनिया की चुनौतियों से लड़ने का साहस देते हैं। आपने देखा है कि सफल लोगों में कुछ ना कुछ विशेष गुण होते हैं। उन लोगों में बस टैलेंट ही नहीं होता, टेंपरामेंट भी होता है। वे नेतृत्व करना भी जानते हैं और टीम स्पिरिट के साथ काम करना भी जानते हैं। इन लोगों में सफलता की भूख होती है। इसलिए वे कहते हैं कि जो खेलता है, वही खिलता है।