मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों की ओर से दाखिल विधायक अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने फैसले में कहा कि राकांपा अजीत पवार की है। साथ ही राहुल नार्वेकर ने राकांपा के किसी भी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों की ओर से दाखिल विधायकों की अयोग्यता मामले की याचिका पर अपना निर्णय दिया है। उन्होंने अपने निर्णय में कहा कि अजीत पवार का गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है, क्योंकि अजीत पवार गुट को 53 में से 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
नार्वेकर ने अजित पवार गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की शरद पवार गुट की मांग को खारिज कर दिया। इसलिए अजित पवार गुट के सभी विधायक क्वालिफाई हो गए हैं। नार्वेकर ने शरद पवार गुट के विधायकों को भी योग्य घोषित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय पार्टी के संविधान, नेतृत्व संरचना और विधायी ताकत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
राहुल नार्वेकर ने कहा कि शरद पवार की इच्छा के विरुद्ध जाने का मतलब पार्टी छोड़ना नहीं है। पार्टी के अंदर मतभेद हैं। पार्टी के भीतर असंतोष का मतलब विधायक दल के भीतर नाराजगी नहीं है। साथ ही राहुल नार्वेकर ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी में मतभेद कानून का उल्लंघन नहीं हो सकता। उन्होंने कहा की राजनीति में गठबंधन बनते टूटते रहते हैं। इस तरह के सभी कार्यों या आचरण को दलबदल नहीं माना जा सकता है। शरद पवार समूह को 10वीं अनुसूची का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
राकांपा के शरद पवार गुट ने अजित पवार और उनके विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर की थीं। दूसरी ओर, अजित पवार के समूह ने शरद पवार के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थीं। शिवसेना विधायक अयोग्यता मामला और एनसीपी विधायक अयोग्यता मामला उचित समय के भीतर तय नहीं किया गया था, इसलिए यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट के निर्देश के बाद 10 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले का फैसला सुनाया था।