उत्तराखंड : 13 ग्लेशियर झीलें बेहद खतरनाक

मल्टी डिसीप्लिनरी टीम का गठन जल्द

टीम संवेदनशील झीलों के अध्ययन के बाद  अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को देगी

देहरादून । उत्तराखंड की 13  ग्लेशियर झीलें काफी खतरनाक हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस बात का खुलासा किया है। केवल इतना ही नहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसको लेकर एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन  किया है।  प्राधिकरण  ने माना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के स्थान पर अब वर्षा होने लगी है वहीं दूसरी ओर बढ़ रहे तापमान के कारण हिमनद  के गलने की दर में तेजी से वृद्धि होने की वजह से  हिमनद तेजी से पीछे हो रहे हैं। कुछ जलाशयों का आकार, वर्षा एवं  हिमनदों के गलने से तेजी से बढ़ रहे हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के इस खुलासे और चेतावनी के बाद सोमवार को अपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञ संस्थानों की एक महत्वपूर्ण बैठक भी बुलाई गई जिसमें यूएसडीएमए, वाडिया, आईआईआरएस,आईआरआई,आईआईटी रूडक़ी,सिंचाई विभाग सहित कई महत्वपूर्ण संस्थानों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

विशेषज्ञों ने माना कि गंगोत्री ग्लेश्यिर की निगरानी की जा रही है लेकिन गंगोत्री ग्लेश्यिर के साथ बहुत सारी ग्लेश्यिर झीलें हैं जो काफी खतरनाक हैं। विशेषज्ञों ने स्पष्ट कहा कि बसुधारा ताल, यहां ग्लेश्यिर सबसे ज्यादा जोखिम भरे हैं।  यहां निरंतर निगरानी के लिए उपकरणों को लगाया जाना काफी जरूरी है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि केदारताल, भिलंगना एवं गौरी गंगा ग्लेशियर का क्षेत्र निरंतर बढ़ रहा है जो भविष्य में आपदा के लिहाज से काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इस बीच सचिव आपदा प्रबंधन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए एक मल्टी डिसीप्लिनरी टीम जल्द गठित करने का आदेश दिया है। यह टीम संवेदनशील झीलों का अध्ययन करेगी। उसके बाद रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगी। टीम मुख्य रूप से ग्लेशियर लेक से उत्पन्न  होने वाली आपदाओं के प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्य करेगी ।

Leave a Reply