नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में एक धनशोधन जांच के संबंध में पूछताछ करने के लिए सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पहुंची और 13 घंटे से अधिक समय तक वहां डेरा डाले रही। इस दौरान उन्होंने परिसर की तलाशी ली। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने दावा किया कि सोरेन ‘‘लापता’’ हैं और जांच एजेंसी उनसे संपर्क नहीं कर पाई है लेकिन सोरेन के परिवार के एक सदस्य ने इस पूरे घटनाक्रम को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता को बदनाम करने की ‘नियोजित’ साजिश करार दिया। पहचान सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर परिवार के सदस्य ने कहा कि सोरेन ईडी से निरंतर संचार किया है और 31 जनवरी को दोपहर एक बजे अपने आवास पर बयान दर्ज कराने की इच्छा जता चुके हैं, इसके बावजूद झूठा विमर्श तैयार किया जा रहा है।
संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी दिल्ली पुलिस कर्मियों के साथ सुबह करीब नौ बजे दक्षिण दिल्ली में 5/1 शांति निकेतन भवन पहुंचे। इस दौरान कई मीडियाकर्मी बाहर खड़े रहे। ईडी के कई अधिकारियों को रात करीब साढ़े 10 बजे परिसर से बाहर निकलते हुए देखा गया। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने सोरेन के आवास से हरियाणा के पंजीकरण नम्बर वाली एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की है और इसके अलावा आवास की तलाशी के दौरान मिले कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।
सोरेन 27 जनवरी को रांची से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। उनकी पार्टी ने सोमवार को कहा कि वह निजी काम से गए हैं और वह लौट आएंगे। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई ने सोमवार को दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के डर से पिछले 18 घंटे से “फरार” हैं और उसने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि झारखंड की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा दांव पर है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में 20 जनवरी को सोरेन से रांची में उनके आधिकारिक आवास पर पूछताछ की थी और उन्हें नया समन जारी करते हुए यह बताने को कहा था कि वह पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी में से किस दिन आएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोरेन ने एजेंसी को एक पत्र भेजा था लेकिन पूछताछ के लिए दिन या तारीख नहीं बतायी थी।
सोरेन ने ईडी को रविवार को भेजे ईमेल में उस पर राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने के लिए ‘‘राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित’’ होने का आरोप लगाया और दावा किया कि 31 जनवरी को या उससे पहले उनका बयान दोबारा दर्ज कराने की ईडी की जिद से दुर्भावना झलक रही है। सोरेन ने रविवार को भेजे ईमेल में कहा, ‘‘अदालत को उपलब्ध कराने के लिए 20 जनवरी को मुझसे सात घंटे तक हुई पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें।’’ सोरेन ने 31 जनवरी को दोपहर एक बजे उनके आवास पर बयान दर्ज कराने के लिए स्वीकृति दे दी है।
दिल्ली में ईडी अधिकारी रात करीब आठ बजे कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री के आवास से बाहर निकले और बाहर खड़ी एक बीएमडब्ल्यू कार की जांच की। हालांकि, वे मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना वापस अंदर चले गए। एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम उनसे (सोरेन) पूछताछ करने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर आए लेकिन वह यहां नहीं हैं।
ईडी की टीम झारखंड भवन और कुछ अन्य स्थानों पर भी गईं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं मिले।’’ ईडी के कुछ अधिकारियों को बाद में रात करीब साढ़े 10 बजे परिसर से बाहर निकलते हुए देखा गया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने घटनाक्रम पर जहां चुप्पी साधे रखी, वहीं, झारखंड के राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन मिलने के मद्देनजर राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
पत्रकारों ने राज्यपाल से पूछा कि राज्य में राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर क्या राजभवन के लिए सभी विकल्प खुले हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं संविधान के रक्षक के रूप में पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हूं। यह राज्यपाल का कर्तव्य है और मैं इसे निभा रहा हूं। समय आने पर फैसला लूंगा।’’ झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और केंद्र सरकार के कार्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी।
रांची में झामुमो के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ईडी द्वारा सोरेन को ‘परेशान करने’ के विरोध में सोमवार को एक विशाल रैली निकाली। जमशेदपुर और राज्य के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री कुछ निजी काम से दिल्ली गए थे और वह वापस आ जाएंगे। लेकिन, ईडी की कार्रवाई अनावश्यक और असंवैधानिक है।ऐसा लगता है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है।’’ बहरहाल, भाजपा नेताओं ने पूछा कि मुख्यमंत्री कहां हैं। भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मीडिया सूत्रों के मुताबिक, देर रात हेमंत जी चप्पल पहनकर और चादर से अपना चेहरा ढंककर दिल्ली स्थित अपने आवास से पैदल ही निकल गए। उनके साथ दिल्ली गए विशेष शाखा के सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी लापता हैं।’’
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने कहा, ‘‘उन दोनों के मोबाइल फोन भी बंद हैं। इसके बाद से ही ईडी और दिल्ली पुलिस उनकी तलाश कर रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता।’’ झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि सोरेन कहां हैं, इसको लेकर एक सोची-समझी साजिश के तहत भ्रम पैदा किया जा रहा है।