गुलाम नबी ने की कांग्रेस की आलोचना, सहयोगियों को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

जम्मू। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ अकेले शुरू करने के फैसले को लेकर सोमवार को कांग्रेस की आलोचना की और उसपर संभावित सहयोगियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। आजाद ने कहा कि अकेले चलना कहीं नहीं ले जाएगा।

आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (इंडिया गठबंधन) कांग्रेस पार्टी के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करने का एकमात्र विकल्प बचा था, लेकिन उसकी गलत नीतियों के कारण यह आगे नहीं बढ़ सका।’’ व्यापक गठबंधन के लिए चूक गए अवसर को रेखांकित करते हुए आजाद ने कहा,‘‘देश भर में एक साथ यात्रा करने के लिए अन्य राजनीतिक दलों को साथ लिया जाना चाहिए था और इससे एक संदेश जाता।’’ आजाद ने कांग्रेस को उसकी यात्रा में अन्य राजनीतिक दलों को भी शामिल करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे (कांग्रेस) अकेले यात्रा करते हैं, तो यह कहीं नहीं ले जाएगा। मौजूदा नेता गठबंधन से पहले एकता बनाने में असफल रहे।’’ आजाद ने कहा, ‘‘एकजुटता की बात कहना और जमीन पर एकता होना दो अलग-अलग चीजें हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि एकजुटता तो उसी दिन टूट गयी, जब कांग्रेस ने अकेले यात्रा प्रारम्भ की। यह 26 दलों की यात्रा होनी चाहिए थी।

आजाद ने 26 अगस्त 2022 को कांग्रेस के साथ अपना पांच दशक लंबा जुड़ाव समाप्त कर लिया था और एक महीने बाद जम्मू में अपनी नयी पार्टी की घोषणा की थी। आजाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस के पास, शायद बिहार को छोड़कर, देने के लिए कुछ भी नहीं है। उनके पास तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बंगाल, पूर्वोत्तर और ओडिशा में कुछ भी नहीं है।’’ आजाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी कटाक्ष किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ‘‘एक गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी की तरह व्यवहार करते हैं।’’

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