भारतीय धुनों से गूंज उठा राजसी रायसीना हिल्स

नई दिल्ली। देश के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के प्रतीक ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह के दौरान सोमवार को राजसी रायसीना हिल्स सूरज डूबने के साथ भारतीय धुनों का गवाह बना। समारोह में तीनों सेनाओं और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के संगीत बैंडों ने दर्शकों के सामने 31 मनमोहक और थिरकने वाली भारतीय धुनें बजाईं। समारोह के अंत में राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा।

सशस्त्र बलों की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार समेत वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस समारोह के साक्षी बने। यह 40 साल बाद पहला मौका था, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पारंपरिक बग्घी से समारोह स्थल पर पहुंचीं। गणतंत्र दिवस परेड में भी मुर्मू और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ इसी बग्ग्घी में कर्तव्य पथ पर पहुंचीं थीं।

भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना के संगीत बैंडों की भारतीय धुनों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में पासधारक दर्शक भी मौजूद रहे। समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड की ‘शंखनाद’ धुन के साथ हुई, जिसके बाद पाइप्स बैंड ने ‘वीर भारत’, ‘संगम दूर’, ‘देशों का सरताज भारत’, ‘भागीरथी’ और ‘अर्जुन’ जैसी मनमोहक धुनें बजाईं। सीएपीएफ बैंड ने ‘भारत के जवान’ और ‘विजय भारत’ धुन बजाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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