एनआईए की विशेष अदालत ने नकली मुद्रा मामले में 2 आरोपियों को सुनाई सजा

लखनऊ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत, लखनऊ (यूपी) ने गुरुवार को 2019 में दो आरोपियों फूलचंद निवासी लखीमपुर खीरी (यूपी) और अमीनुल इस्लाम निवासी मालदा (पश्चिम बंगाल) को दोषी ठहराया और 5 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। जाली नोट बरामदगी मामला। इससे पहले इस मामले में एक किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड, लखनऊ द्वारा जनवरी 2020 में दो साल, 1 महीने और 10 दिन की सजा सुनाई जा चुकी है।

25 नवंबर 2019 का है मामला

मामला 25 नवंबर 2019 को एटीएस यूपी द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों (एफआईसीएन) की बरामदगी और जब्ती से संबंधित है। लखनऊ के इटौंजा टोल प्लाजा के पास फूलचंद, अमीनुल इस्लाम और एक किशोर आरोपी के कब्जे से नकली नोट बरामद किए गए थे। सीतापुर हाईवे, लखनऊ। रुपये के मूल्यवर्ग में नकली भारतीय मुद्रा नोट। रुपये के मूल्यवर्ग में 500 और 15 नोट। मामले में 2000 रुपये जब्त किए गए थे, जिसे 20 जनवरी 2020 को एनआईए ने अपने कब्जे में ले लिया था। एनआईए ने जांच के बाद कुल 05 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

इस तरह देते थे अंजाम

एनआईए की जांच के अनुसार, आरोपियों ने उच्च गुणवत्ता वाले एफआईसीएन की तस्करी, खरीद और अपने कब्जे में रखने की साजिश रची थी। नकली मुद्रा की आपूर्ति मालदा, पश्चिम बंगाल से की जा रही थी, और आगे चलकर उत्तर प्रदेश राज्य में विभिन्न व्यक्तियों, मालवाहकों को आपूर्ति की जाती थी। आरोपी अमीनुल इस्लाम अपने सहयोगियों के साथ मालदा (पश्चिम बंगाल) का मुख्य साजिशकर्ता था। वह मालदा से एफआईसीएन की खेप लाता था, जबकि फूलचंद और उसके करीबी सहयोगी उक्त खेप प्राप्त करते थे।

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