नयी दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh) ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रविवार को कहा कि वन ‘रैंक वन पेंशन’ योजना को लागू करने से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पुन: रोजगार प्रदान करने तक सरकार देश के वयोवृद्ध लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
सिंह ने आठवें सशस्त्र बल वेटरन्स दिवस के अवसर पर वायु सेना स्टेशन, कानपुर में एक वेटरन्स रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे सैनिक परिवार, जाति और पंथ से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के बारे में सोचते हैं। वे अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाते हैं क्योंकि वे इस तथ्य को जानते हैं कि यदि राष्ट्र सुरक्षित है, तो सब कुछ सुरक्षित है। इससे उन्हें हर चुनौती का सामना करने की नैतिक शक्ति मिलती है।”
उन्होंने कहा कि जहां सरकार देश की प्रगति के लिए और अधिक प्रयास कर रही है, वहीं लोगों की भी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सैनिकों और उनके आश्रितों को अपने परिवार की तरह मानें और यह सुनिश्चित करें कि वे हमेशा उनके साथ खड़े रहें।
सिंह ने लोगों से सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों के सम्मान में अपनी इच्छाशक्ति को और मजबूत करने की अपील की। रक्षा मंत्री ने कहा,“ भारतीय सैनिकों की बहादुरी, कटिबद्धता और मानवीय मूल्यों का न केवल पूरा देश, बल्कि पूरी दुनिया सम्मान करती है।प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ने वाले हमारे सैनिकों की बहादुरी को दुनिया भर में सम्मान के साथ याद किया जाता है। हम भारतीय भी न सिर्फ अपने बल्कि दूसरे देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90,000 से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। हम उनके साथ जैसा चाहते, वैसा व्यवहार कर सकते थे, लेकिन हमारी संस्कृति और परंपरा ऐसी है कि हमने पूरी तरह से मानवीय रवैया अपनाया और उन्हें पूरे सम्मान के साथ उनके देश वापस भेजा। दुश्मन सैनिकों के साथ ऐसा व्यवहार मानवता के सुनहरे अध्यायों में से एक है।
सिंह ने युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और नायकों को उनके सर्वोच्च बलिदान और समर्पित सेवा के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की।